पुनिया की दुनिया आबाद करेंगे इरशाद और रेहान कामिल

इण्डिया गठबंधन प्रत्याशी के लिए चेयरमैन फतेहपुर और चेयरमैन सतरिख लगे हैं जीजान से

बाराबंकी। जिले में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। नामांकन का दौर समाप्त होने वाला है। लेकिन उसके साथ में ही सभी राजनैतिक दलों के प्रत्याषियों ने अपने अपने पाले में चुनाव लाने के खातिर दिन रात एक किये हुए हैं। हर प्रत्याषी के सलाहकार और उनके मद्दगार रातदिन एक करके मतदाताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास करने में जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां भाजपा प्रत्याषी राजरानी रावत के लिए भाजपा के कई दिग्गजों ने अपने अपने क्षेत्रों में चुनावी कमान सम्भाल ली है। वहीं दूसरी तरफ नगर पंचायत फतेहपुर और नगर पंचायत सतरिख के साथ में नगर पंचायत जैदपुर में भी इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी को चुनावी बाजी जिताने के लिए रातदिन एक करना शुरु कर दिया है। लगातार लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पराजय का स्वाद चखने वाले तनुज पुनिया की दुनिया बसाने के खातिर इन चेयरमैनों ने अपनी तरफ से कोई कोर कसर नही छोड़ रखी है।

जानकारी के अनुसार, लोकसभा सुरक्षित बाराबंकी सीट पर पांचवे चरण में मतदान 20 मई को होगा। अभी नामांकन का दौर जारी है। आगामी 3 मई को नामांकन का अन्तिम दिन है। भाजपा प्रत्याषी राजरानी रावत ने अपना नामांकन पत्र 29 अप्रैल को दाखिल किया था तो वहीं इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी व कांग्रेस के युवा नेता तनुज पुनिया ने बीती 1 मई को तीन सेटों में अपना नामांकन दाखिल किया। उसके बाद गुरुवार को भी उन्होने एक सेट नामांकन पत्र अपना दाखिल किया। इसके साथ में ही बसपा के षिव कुमार दोहरे के अलावा राजनीतिक दलों के अन्य पार्टियों के प्रत्याषियों ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल करने में पीछे नही रहे। अभी आगामी 3 मई को नामांकन का अन्तिम दिन है। इस दिन कौन अपना नामांकन पत्र दाखिल करेगा उसके बाद ही कुल कितने प्रत्याषियों ने अपना नामांकन दाखिल किये हैं उसका पता लग सकेगा।

लोकसभा सीट पर भाजपा ने पिछले एक दषक से अपना कब्जा बरकरार रखा है। इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव जीत करके बाराबंकी सुरक्षित सीट पर अपनी हैट्रिक लगाने के फिराक में है। वहीं इण्डिया गठबंधन के तहत बाराबंकी लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गयी तो कांग्रेस ने इस बार भी युवा नेता तनुज पुनिया पर भरोसा जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा। पिछले दो दषक से राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले पूर्व सांसद डा. पीएल पुनिया ने वैसे तो जिले में विकास के कई काम किये थे और वर्ष 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुआ था तो उस चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट से बाराबंकी के सांसद बने थे। लेकिन उनको सांसद बनाने में मुख्य भूमिका पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. बेनी प्रसाद वर्मा की प्रमुख रही थी। वर्ष 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो डा. पीएल पुनिया को भाजपा प्रत्याषी प्रियंका सिंह रावत ने शानदार मतों से चुनाव हरा करके जीत हासिल की थी। उसके बाद पुनिया ने मन ही मन अपने इकलौते पुत्र तनुज पुनिया को राजनीति में उतारने की योजना बना ली थी। वर्ष 2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे तो सपा कांग्रेस गठबंधन के तहत जैदपुर सुरक्षित विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी। उसी विधानसभा में पीएल पुनिया ने अपने बेटे तनुज पुनिया को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन वर्ष 2017 में भाजपा की लहर चल रही थी और उस लहर में सपा कांग्रेस गठबंधन पूरी तरह से बह गया था। भाजपा प्रत्याषी उपेन्द्र सिंह रावत ने तनुज पुनिया को भारी मतों से चुनाव हरा करके पहली बार इस विधानसभा सीट पर भाजपा का कमल खिलाया था। इसके बाद जब वर्ष 2019 में पुनः लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने पुनः तनुज पुनिया को लोकसभा का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था।

इस लोकसभा चुनाव में भी भाजपा लहर के कारण भाजपा प्रत्याषी उपेन्द्र सिंह रावत ने सपा बसपा गठबंधन प्रत्याषी रामसागर रावत को एक लाख से ज्यादा मतों से चुनाव हरा करके शानदार जीत हासिल की थी जबकि तनुज पुनिया को करारी हार झेलनी पड़ी थी। वहीं तीसरे नम्बर पर थे। उपेन्द्र के सांसद बन जाने के बाद उन्होने अपनी विधानसभा सीट जैदपुर से इस्तीफा दे दिया था। छः माह बाद पुनः जब वहां पर उप चुनाव हुए तो इस बार भी कांग्रेस ने तनुज पुनिया को जैदपुर विधानसभा उपचुनाव में अपना प्रत्याषी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा लेकिन इस चुनाव में भी हार का मुंह देखना पड़ा। इतना जरुर था कि तनुज पुनिया ने यहां पर शानदार प्रदर्षन किया था। उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याषी गौरव रावत ने चुनाव जीता था। इस हार के बाद भी तनुज पुनिया ने हार नही मानी और लगातार क्षेत्र में बने रहे। वर्ष 2022 में जब पुनः विधानसभा चुनाव हुए तो फिर जैदपुर विधानसभा सीट से तनुज पुनिया ने चुनावी ताल ठोंकी। काफी मेहनत के बाद भी नतीजा सिफर रहा और तीसरे स्थान पर रहने को मजबूर रहे। हार पर हार के बावजूद डा. पीएल पुनिया और उनके पुत्र तनुज पुनिया ने दिल से हार नही मानी थी वह लगातार क्षेत्र में रहकर मतदाताओं के बीच अपनी आमद दर्ज कराते रहे।

इधर जब लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई और इण्डिया गठबंधन बना तो लोकसभा सीट बाराबंकी पुनः कांग्रेस के खाते में आ गयी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने किसी नये चेहरे पर दांव न लगाते हुए लगातार चुनावी मैदान में असफल रहने वाले तनुज पुनिया को फिर से लोकसभा का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है। तनुज पुनिया ने अपना नामांकन भी सपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ में जा करके किया। कहने को तो जिले में कांग्रेस का वह वर्चस्व नही है जो होना चाहिए था। लेकिन सपा का साथ मिलने के बाद से ही तनुज पुनिया की स्थिति लोकसभा चुनाव में देखने में काफी मजबूत नजर आ रही है। पूर्व मंत्री अरविन्द सिंह गोप, पूर्व मंत्री राकेष वर्मा, रामनगर विधायक हाजी फरीद महफूज किदवाई, जैदपुर विधायक गौरव रावत, सदर विधायक सुरेष यादव, पूर्व सांसद रामसागर रावत, पूर्व विधायक राम मगन रावत, पूर्व विधायक रामगोपाल रावत सहित सपा के दिग्गजों ने गठबंधन के कारण तनुज पुनिया का प्रचार करना भी शुरु कर दिया है। अब यह लोग साइकिल चुनाव निषान के वजाय हाथ का पंजा चुनाव निषान को लेकर गली गली घूम रहे हैं और मतदाताओं से कह रहे हैं कि इस बार पंजा भूल न जाना। सबसे ज्यादा इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी तनुज पुनिया को नगर पंचायत सतरिख रेहान कामिल और नगर पंचायत फतेहपुर मो. इरषाद कमर व नगर पंचायत जैदपुर के चेयरमैन प्रतिनिधि मो. दाऊद पर भरोसा है।

इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी को चुनावी समर में जिताने के लिए नगर पंचायत फतेहपुर चेयरमैन इरषाद कमर गठबंधन के द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं यही हाल नगर पंचायत सतरिख और नगर पंचायत जैदपुर के चेयरमैन और चेयरमैन प्रतिनिधि का है। नगर पंचायतो में यह लोग घूम घूमकर कांग्रेस प्रत्याषी तनुज पुनिया का प्रचार करने में कोई कोर कसर बाकी नही रख रहे हैं। इन लोगों को भरोसा है कि इस बार हम लोगों की नगर पंचायतो से इण्डिया गठबंधन प्रत्याषी शानदार बढ़त हासिल करेगा। मुस्लिम बाहूल्य नगर पंचायते होने के कारण उनका दावा काफी मजबूत ही नजर आ रहा है। यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि कौन कितने पानी में कौन चुनाव जीतता है कौन चुनाव हारता है।

मुस्लिम मतदाताओं मे भाजपा की पैठ
बाराबंकी। जिले की नगर पंचायतो में नगर पंचायत बंकी, सतरिख, जैदपुर, फतेहपुर, सुबेहा, सिद्धौर और देवा मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी तादाद में है। लेकिन बंकी, सतरिख, जैदपुर, फतेहपुर, सुबेहा में चेयरमैन के पद पर या तो सपा समर्थक हैं या फिर कांग्रेस समर्थक जबकि नगर पंचायत सिद्धौर और देवा में भाजपा समर्थक चेयरमैन अपनी इन सीटों पर कब्जा जमाये हुए हैं। इन सभी नगर पंचायतो में केन्द्र व प्रदेष सरकार द्वारा जितनी भी योजनाएं नगर पंचायतो के लिए लागू की गयी हैं सभी योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा मुस्लिमों को हुआ है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना हो या मुफ्त राषन योजना हो या अन्य सरकारी योजनाएं सभी योजनाओं में मुस्लिमों की भागीदारी सबसे ज्यादा है। भाजपा प्रत्याषी राजरानी रावत का कहना है कि नगर पंचायतो में भाजपा के समर्थक ज्यादा है। जिस मुस्लिम भाई बहनों और माताओं और बुजुर्गों ने केन्द्र और प्रदेष सरकार की योजनाओं का लाभ लिया है। इस लोकसभा चुनाव में वह सभी लोग भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे। लोग चाहे जितना कयास लगायें उसकी सारी हकीकत मतदान के बाद सामने आयेगी मैं दावा करती हूं कि नगर पंचायतो में कमल हर जगह बढ़त बनायेगा।

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