अगर एक शब्द का भी आचरण कर लिया जाए तो दुनिया में परिवर्तन आ सकता: RSS प्रमुख मोहन भागवत

हरिद्वार। कनखल स्थित हरिहर आश्रम में शुरू हुए तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विश्व कल्याण की कामना हम कर रहे हैं इसमें भी भय मुक्त कामना की कल्पना करते हैं। कहा कि जो था और जो है और जो रहेगा वह सनातन है। कहा कि सृष्टि का कल्याण केवल सनातन में है।

उन्होंने कहा कि ज्ञान भाषण से नहीं आचरण से आता है। अगर एक शब्द का भी आचरण कर लिया जाए तो दुनिया में परिवर्तन आ सकता है। भगवान श्री राम इसलिए पुरुषोत्तम नहीं कहलाए, इसके लिए उन्होंने मर्यादाओं का पालन किया। कहा कि फल को भगवान पर छोड़ दें क्योंकि डॉक्टर हेडगेवार ने जो आज है, वह नहीं देखा। कहा कि अगर हम अपना जीवन बदले तो दुनिया में बदलाव आएगा और भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा।

कल्याणकारी सनातन वर्ण का पालन करें तो दुनिया का भला होगा और हमारा भी भला होगा।संघ प्रमुख ने कहा कि सनातन सर्वे भवंतु सुखिनः की बात करते हैं। कहा जो रहेगा वह सनातन है। ज्ञान भाषण से नहीं आचरण से पहुंचता है। हम अपने आचरण से प्रमाण स्थापित करें। जैसे प्रभु श्री राम ने अपने जीवन में प्रमाण स्थापित कर बताया कि वह मर्यादा पुरुषोत्तम है। कहा कि सत्य , करुणा, शुचिता और तपस्या समष्टि के कल्याण के सूत्र हैं। इसे आत्मसात कर चलेंगे तो हमारा भी भला होगा और दुनिया का भी।

Related Articles

Back to top button