वाराणसी : सीवर लाइन और नालों की सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए निर्धारित मानकों का पालन न तो नगर निगम करता है और न ही जलकल विभाग व जल निगम। लापरवाही का आलम यह है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सभी बुनियादी सुविधाओं को चाक-चौबंद करने पर जोर है, लेकिन मुकम्मल बजट और निगरानी होने के बावजूद भी सफाई व्यवस्था में तमाम पेंच फंसे हुए हैं।
ठेकेदारों के भरोसे पूरी व्यवस्था
दरअसल, सीवर सफाई की पूरी व्यवस्था ठेकेदारों के भरोसे है। कुछ वर्ष पूर्व सीवर लाइन सफाई व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए ठेकेदारों को हटाकर गुडग़ांव की लग्जरा इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को शहर की सीवर सफाई का जिम्मा सौंपा गया था। तीन गुना ज्यादा बजट के बाद जब सीवर समस्याएं बढ़ती गई तो कंपनी को हटाकर फिर ठेकेदारों के भरोसे दिया गया।
ठेकेदारों के जिम्मे है पूरी सीवर
सफाई व्यवस्था तीन करोड़ से ज्यादा है सीवर सफाई का सालाना बजट गंगा घाट किनारे सीवर सफाई जल निगम कराता है। राजघाट स्थित सीवर की सफाई जल निगम के ठेकेदार व कर्मचारी कर रहे थे। इस दौरान सीवर के गैस से एक सफाईकर्मी की मृत्यु हो गई। मौके पर जल निगम के अधिशासी अभियंता व अवर अभियंता भी नहीं थे। इसे गंभीरता से लिया गया है।
मृतक को नियमानुसार मुआवजा देने की प्रक्रिया तत्काल शुरू कर दी गई है। वहीं पूरे प्रकरण की जांच भी कराई जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त