‘वूमेन पावर हेल्पलाइन’ का उठाया जा रहा गलत फायदा, घरेलु शिकायते हो रही दर्ज…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, महिला उत्पीड़न की घटनाओं को सख्ती से रोकने और उनमें जागरुकता के लिए वुमन पावर लाइन 1090 की स्थापना की गई। इसे ‘वूमेन पावर हेल्पलाइन’ का नाम दिया गया, जिसे बखूबी 1090 हेल्पलाइन निभाती नजर आ रही है। लेकिन अब घर के चौखट के अंदर होने वाली सास, बहू और पति से जुड़ी शिकायतें भी वूमेन पावर हेल्पलाइन में खूब आ रही हैं। इन शिकायतों को सुनकर हर कोई हैरान भी होता है। वहीं, बाद में शिकायती महिला आपस की बात कर काल्स पंजीकृत भी नहीं कराती है।

सहारनपुर की एक महिला ने शिकायत की। कहा कि रोजाना मेरी सास मेरे मोबाइल का डेटा खत्म कर देती है। वह मुझे घर के काम में उलझाकर मेरा मोबाइल लेकर चली जाती है, कॉल करने के बाद बहाने एक दिन का मिलने वाला सारा डेटा खत्म करने के बाद वापस रख देती है। अब काम निपटाने के बाद मोबाइल में कुछ काम नहीं कर पाती हूं।

ऑनलाइन खाना मंगवाने पर सास ने लगाई पाबंदी
मेरठ से एक महिला ने कहा कि मेरे घर में ऑनलाइन खाने के आर्डर करने पर सास ने पाबंदी लगाई है। धार्मिक होने के कारण बाहरी खानों में तमाम खामियां निकाल घर में मंगवाने से मना करती है। हम घर में कभी भी जरूरत के बावजूद खाने का सामान नहीं मंगवा सकती हूं। पति से भी मां की तरफदारी करते है।

पत‍ि रोज नहाने के बाद…
नोएडा से एक महिला ने कहा कि पति की आदत से परेशान हूं, उनकी काउंसिलिंग की जरूरत है। पति रोजाना नहाने के बाद जल्दबाजी में गीली तौलियां बेड पर छोड़ देते है। बेड के गीले हिस्से को सुखाने के लिए छत पर लेकर जाना पड़ता है। बार-बार कहने के बावजूद पति की आदत नहीं बदल रही है। एक वरिष्ठ काउंसिलिंग अधिकारी ने बताया कि इस तरह के मामलों में संपर्क करने पर महिलाएं घरेलू सहमति बोलकर अपनी काल को पंजीकृत नहीं कराती हैं। जिनमें जरूरत पड़ती है, उन मामलों में दोनों पक्षों की काउंसिलिंग भी होती है।

1090 पर ज्यादा कॉल आने वाले जिले
पहले नंबर पर लखनऊ है। दूसरे पर कानपुर व तीसरे पर प्रयागराज से महिलाएं सबसे ज्यादा शिकायत करती हैं। इसके बाद उन्नाव, हरदोई, सुल्तानपुर, जौनपुर, बाराबंकी, अयोध्या और नोएडा हैं।

एक वर्ष में चार लाख से ज्यादा शिकायतें
प्रदेश भर के सभी जिलों से एक वर्ष के अंदर 1090 में चार लाख से ज्यादा शिकायती काल्स आईं हैं। तीन लाख 60 हजार से ज्यादा काल्स पंजीकृत भी हुई हैं। इनमें महिलाओं को तत्काल मदद भी प्रदान कराया गया है। रोजाना 11 हजार से ज्यादा काल्स आती हैं।

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