आंध्र प्रदेश के बुनकर ने राम मंदिर के लिए बनाई अनोखी साड़ी…

भक्ति के रंग में डूबे आंध्र प्रदेश के धर्मावरम के बुनकर ने अयोध्या के राम मंदिर के लिए एक अनोखी साड़ी बनाई है। इस साड़ी की खासियत यह है कि इसके दोनों बार्डर पर रामायण का चित्रण किया गया है। इसमें रामायण के 366 छंदों को शामिल किया गया। साड़ी के मध्य भाग में भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक मंत्र जय श्री राम की 322 पुनरावृत्तियां हैं।

साड़ी पर 13 अलग-अलग भाषाओं में जय श्री राम अंकित है, जो भारत के भाषाई विविधता और सांस्कृतिक एकता पर जोर देता है। चार महीने की मेहनत के बाद तैयार इस पाटू (रेशम) साड़ी को बनाने में डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए हैं। बुनकर अपनी पहचान नहीं बताना चाहता। वह बस प्रभु को अपना यह उपहार समर्पित करना चाहता है। बुनकर ने कहा, यह अयोध्या राम मंदिर की भव्यता के लिए मेरी ओर से छोटा सा उपहार है। रामायण पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहा है। मैं विनम्रता से इसके लिए योगदान देना चाहता हूं।

रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर जनकपुर में भी होंगे कई कार्यक्रम

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भगवान राम के ससुराल नेपाल के जनकपुर में कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। सीता जनकपुर के राजा जनक की पुत्री थीं।

नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि ने शनिवार को कहा, हम बहुत उत्साहित और गौरवान्वित हैं कि अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। जनकपुर के धनुषा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक राम आशीष यादव ने कहा कि इस अवसर पर जनकपुर के प्रत्येक राम और सीता मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम होंगे। रामायण पर आधारित कई स्टेज शो होंगे।

आभूषण और पोशाक सहित तीन हजार से अधिक उपहार अयोध्या भेजे गए

लोगों ने 22 जनवरी को जानकी मंदिर में 1,25,000 दीपक प्रज्जवलित करने की योजना बनाई है। भगवान राम और सीता की आरती होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद जनकपुर में धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा। जनकपुर में जानकी मंदिर के मुख्य पुजारी तपेश्वर दास ने कहा, जनकपुर से चांदी के जूते, आभूषण और पोशाक सहित 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या भेजे गए हैं।

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