रजाई की गर्माहट महंगी, 100 रुपए प्रति पीस हुई दामों की बढ़ोतरी

  • बड़ी दुकानों पर लाखों का माल स्टॉक नहीं हो रही खरीददारी

बाराबंकी। जिले में कड़ाके की सर्दी का सितम जारी है। जिसे देखते हुए बाजारों में किस्म किस्म के गद्दे, रजाई व कंबल मौजूद है। इस बार सर्दी में रजाई की बढ़ी कीमतें गरीबों का पसीना निकाल रही है। रुई समेत लिहाफ व मजदूरी के दाम बढ़ जाने से रजाई एवं गद्दे का मूल्य इस बार 100 रुपए प्रति पीस बढ़ गया है। बाजार में रुई के रेट ₹60 से लेकर 120 तक है। यही रुई पिछले वर्ष 80 रूपये में बिक रही थी। जबकि कपास 180 रुपए प्रति किलो बिक रही है। यही कपास पिछले वर्ष 140 रुपए में बिक रही थी। जिसके कारण रुई का गद्दा जोकि पिछली बार 400 रुपये में मिलता था। वह अब 500 रुपये में मिलेगा। रजाई जो पिछले साल 550 रुपए में मिलती थी। अब वह 650 रुपए में मिलेगी। कंबल सिंगल बेड 750 रुपए व डबल बेड का कंबल 1000 रुपए में मिलेगा। इसी तरह फ़ाम का गद्दा सिंगल बेड 1200 व डबल बेड का गद्दा 1800 रुपए में मिलेगा। सबसे कम कीमत का फाम का डबल बेड का गद्दा दो हजार रुपए में है। दरअसल, सर्दी अपने सवाब पर है। जिससे शहर से लेकर गांवों तक की बाजारों में कंबल,रजाई व गद्दे की भरमार है। व्यापारी बताते हैं कि कंबलो की बिक्री ने धंधे पर खासा असर डाल रखा है। क्योंकि यह रजाई से काफी सस्ते पड़ते है। शहर से लेकर गांव तक लगी रुई की धुनाई करने वाली मशीनों की छुटपुट कमियों को दूर कराकर कारीगरों ने उन्हें चलाना शुरू कर दिया है। रुई के दामों की वृद्धि के बाद ग्राहक बहुत कम संख्या में दुकानों को पहुंच रहा है। शहर के धनोखर स्थित घंटाघर बाजार के व्यवसाई सुरेंद्र गुप्ता व विकास गुप्ता ने बताया कि शहर भर में लगभग 25 गद्दा रजाई की दुकानें है। जिन पर लाखों का माल स्टॉक है। ग्राहक दुकान तक आ रहा है। लेकिन खरीदारी न के बराबर कर रहा है।

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