पंचशील के सिद्धांतों को अपनाकर ही सशक्त राष्ट्र की संकल्पना संभव : स्वामी प्रसाद मौर्या

बौद्ध सम्मेलन का हुआ आयोजन

रसड़ा (बलिया) भारतीय संस्कृति को पाश्चात्य संस्कृति से काफी हानि नुकसान है लेकिन हमारी भारतीय संस्कृति को रक्षक के रूप में बौद्ध धर्म मिला हुआ है। बौद्ध धर्म की लोकप्रियता का महत्व आलम यह है कि आज विश्व के 56 देशों में बौद्ध धर्म की रीति व नीति को अपना कर लोग सशक्त व स्वावलंबी बन रहे हैं। रसड़ा के अमहर पट्टी उत्तर जूनियर हाईस्कूल अजरा के परिसर में रविवार को आयोजित बौद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या ने उपर्युक्त बातें व्यक्त करते हुए कहीं। उन्होंने सम्मेलन का शुभारंभ के साथ भगवान बुद्ध के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया। पूर्व मंत्री ने बौद्ध धर्म के पंचशील सिद्धांतों पर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि पंचशील के सिद्धांतों को अपनाकर ही हम एक सशक्त राष्ट्र की संकल्पना को साकार कर सकते हैं। सम्मेलन में सैकड़ों बौद्ध धर्म से जुड़े लोगों ने भगवान बुद्ध के कृतित्व,व्यक्तित्व एवं उनके उपदेशों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। सम्मेलन को मुख्य उपदेशक भंते दीना आचार्य सहित मिठाईलाल भारती, सपा जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव, राजकुमार राम, आनंद कौशल, बालजीत कुशवाहा, रवीरंद्र यादव, हरेंद्र वर्मा, राधेश्याम मौर्या, चंद्रशेखर सिंह, आदि ने भी संबोधित किया। 

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