गोरखपुर के राप्ती नदी के तट पर स्थित राजघाट पर दलालों द्वारा ₹1000 में वेदियों को बेचने का पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट हड़कंप मचा दिया है. उन्होंने सरकार को ऐसा होने पर रोक लगाने की अपील भी की है. एबीपी न्यूज़ की टीम ने इसकी पड़ताल की तो सच भी सामने आया. आप भी देखिए कि वेदियां बना रही लड़कियां क्या कह रही हैं. अखिलेश यादव के आरोपों में कितनी सच्चाई है.
एबीपी की पड़ताल में सामने आया
गोरखपुर के राजघाट पर 1 हजार रुपए में वेदियों को बेचने का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज़ राजघाट पहुंचा. यहां पर हसौपुर की रहने वाली दो लड़कियां शालिनी और संध्या बेदी बनाती हुई मिली. दोनों ने साफ तौर पर अखिलेश यादव के ट्वीट में लगे आरोपों से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि वह अपनी वेदियां बना रही हैं. उन्हें यहां पर ना तो कोई दलाल मिला और न ही किसी ने ₹1000 में वेदियां खरीदने की डिमांड की है. उनका कहना है कि वह इस तरह के आरोपी को सही नहीं मानती हैं.
अधिकारियों ने घाट पहुंचकर किया निरीक्षण
अखिलेश यादव के इस तरह के आरोप के बाद शनिवार की सुबह आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच कर राजघाट का निरीक्षण किए. हालांकि अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं, लेकिन उनकी जांच पड़ताल में इस तरह के आरोप में कोई भी सच्चाई नजर नहीं आई.
‘आस्थाओं का बाज़ारीकरण अच्छा नहीं’
अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, ‘छठ जैसे पवित्र पर्वों पर बीजेपी वाले नदियों के घाट बेच रहे हैं, वेदी बेच रहे हैं. आस्थाओं का बाज़ारीकरण अच्छा नहीं. जिस प्रकार छठ पर घर पहुँचने के लिए रेल और गाड़ियों के किराये में बेतहाशा वसूली हो रही है, वो निंदनीय है. रेल जैसा जन-परिवहन माँग के अनुसार दाम बढ़ा रहा है, ये बाज़ार का काम होता है, सरकार का नहीं कि किसी की मजबूरी का फ़ायदा उठाकर किसी चीज़ का दाम या किराया बढ़ा दे. ये भी एक तरह की कालाबाज़ारी है, जिसे रोकना सरकार का काम होता है.