हरदोई में 33 सालों का कार्यकाल सपा- भाजपा के लिए बेमिसाल

हरदोई। लोकसभा सीट हरदोई पर वर्ष 1991 से लेकर 2024 तक के 33 सालों का कार्यकाल भाजपा व सपा के लिए बेमिसाल रहा। इस बीच बसपा समेत अन्य पार्टियां बेहाल रहीं। इस दौरान यहां की जनता ने पुराने तो कुछ नए चेहरों को भी हाथों हाथ लिया। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फिर से सांसद जयप्रकाश रावत और सपा ने पुन: पूर्व सांसद ऊषा वर्मा पर ही दांव लगाया है, जबिक बसपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

कांग्रेस ने लगाई थी जीत की हैट्रिक
वर्ष 1957 में हरदोई आरक्षित सीट से जनसंघ के शिवदीन और आरक्षित सीट से कांग्रेस के छेदालाल गुप्ता ने जीत दर्ज कराई। उस दौरान हरदोई संसदीय क्षेत्र से दो सीटें हुआ करती थीं। इसके बाद वर्ष 1962, 1967 व 1971 में कांग्रेस के ही किंदरलाल ने जीत की हैट्रिक लगाई। 1977 में जनता पार्टी से परमाई लाल, 1980 में कांग्रेस के मन्नीलाल एवं 1984 में कांग्रेस के किंदरलाल ने पुन: जीत दर्ज की।

वर्ष 1991 में पहली बार जीती थी भाजपा
वर्ष 1989 में जनता दल से परमाई लाल व 1990 में जनता दल से ही चांदराम ने जीत सुनिश्चित की, लेकिन वर्ष 1991 में भाजपा से जीत सुनिश्चित कराकर जयप्रकाश ने सीट पर ऐसा दखल दिया कि कांग्रेस इस पर फिर से वापस नहीं आ सकी। भाग्य इस सीट पर भाजपा व सपा के अलावा बसपा सहित अन्य क्षेत्रीय पार्टियों व निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी आजमाया, लेकिन सफल नहीं हो सकी। सीट भाजपा व सपा के पाले में ही रही। वर्ष 1991 के चुनाव में भी भाजपा के जयप्रकाश 1,33,025 वोट पाकर सांसद बने। वर्ष 1996 में भाजपा के जयप्रकाश को 1,42,278 वोट मिले और उन्हें दोबारा जीत दर्ज कराई।

वर्ष 1998, 2004 और 2009 में जीती थी सपा
वर्ष 1998 में सपा की ऊषा वर्मा को 2,06,634 वोटों के साथ जीत मिली। जबकि भाजपा के जयप्रकाश, बसपा के श्याम प्रकाश, कांग्रेस के रामेश्वर प्रसाद हार गए। वर्ष 1999 में पुन: हुए चुनाव में लोकतांत्रिक कांग्रेस के जय प्रकाश को 2,06,256 वोट पाकर जीत हासिल हुई। जबकि सपा से ऊषा वर्मा, बसपा से गिरेंद्र पाल सिंह, कांग्रेस से दिलीप मुन्ना हार गए। वर्ष 2004 के चुनाव में सपा की ऊषा वर्मा को 2,03,445 वोट के साथ जीत मिली। जबकि बसपा के शिव प्रसाद वर्मा, भाजपा की अनीता वर्मा, कांग्रेस के चांद राम को हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2009 में सपा की ऊषा वर्मा 2,94,030 वोट पाकर पुन: जीतीं, जबकि बसपा से राम कुमार कुरील, भाजपा से पूर्णिमा वर्मा, निर्दलीय शिव कुमार हारे।

इस बार भाजपा के लिए हैट्रिक का मौका
वर्ष 2014 में भाजपा से अंशुल वर्मा को 3,60,501 वोट मिले और जीते। जबकि बसपा से शिव प्रसाद वर्मा, सपा से ऊषा वर्मा, कांग्रेस से सर्वेश कुमार हारे। इसी तरह 2019 में भाजपा से जय प्रकाश को 5,68,143 वोट मिले और जीते। जबकि सपा से ऊषा वर्मा, कांग्रेस से वीरेंद्र कुमार को हार का सामना करना पड़ा। 2024 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए हैट्रिक का मौका है।

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