शिक्षकों ने मांगों को लेकर कसी कमर किया धरना प्रदर्शन

0 अपनी विभिन्न मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री बेसिक शिक्षा मंत्री के नामित बीएसए को सौपा

सोनभद्र। डायट परिसर में बीएसए कार्यालय पर गुरुवार को प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष योगेश पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ो शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करते हुये मुख्यमंत्री व बेसिक शिक्षा मंत्री के नामित ज्ञापन बीएसए को सौंप कर आवाज़ बुलंद की |

प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष योगेश पांडेय ने बताया
कि बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों को ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन किए जाने हेतु विभागीय अधिकरियों द्वारा निर्देश दिए गए है। जबकि अधिकारियों द्वारा उक्त व्यवस्था को संचालित किए जाने हेतु पूरे प्रदेश में समुचित संसाधन नही उपलब्ध कराया गया। विभाग द्वारा यह अवगत कराया जाता है कि अन्य विभागों में भी ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन किया गया है तो बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों को भी ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन किया जाए। वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक शिक्षिकाएं यह संज्ञानित है कि अन्य विभागों में डिजिटल व्यवस्था लागू है और वर्तमान युग डिजिटल युग है परन्तु आप संज्ञानित हो कि उक्त व्यवस्था को संचालित किए जाने हेतु पूरे प्रदेश में समुचित संसाधन अभी नहीं उपलब्ध है ऐसे में उक्त व्यवस्था को संचालित करा पाना संभव नहीं हो रहा है। वहीं अन्य विभागों के कर्मचारियों की तुलना बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं की तुलना समानता से किया जा रहा है जबकि बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों में अन्य विभागों से कई भिन्न व्यवस्थाए है और उचित संसाधन भी उपलब्ध नही है व दोहरा मापदण्ड अपनाया जा रहा है।जिससे बेसिक शिक्षा परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं के साथ विभिन्न कठिनाईयां उत्पन्न हो रही है और समानता के सिद्वान्त एंव सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश आदेश (निजता के हनन) का उलन्धन किया जा रहा है। जो कि निम्नवत है :-
श्री पांडेय ने कहा कि
1- राज्य कर्मचारियों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्राप्त है, इ० एल० की व्यवस्था प्राप्त है ऑफ डे सी०एल० भी प्राप्त है। परन्तु बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक, शिक्षिकाओं को उत्पीड़न के नाम पर उत्तर प्रदेश कर्मचारी सेवक आचरण नियमावली लागू कर दी गई है। जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों के सामान सुविधा नही प्राप्त है।

2- राज्य कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक संसाधन से है व अन्य कार्य ऑफलाइन ही लिए जा रहे है, वहीं बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक, शिक्षिकाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

3- माध्यमिक एवं महाविद्यालयों में लिपिक की नियुक्ति है जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में लिपिक की नियुक्ति नही है ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार है, जो कि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक / शिक्षिकाओं को आक्रोशित करने वाला है।

4- महाविद्यालयों एंव माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली नही लागू ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक, शिक्षिकाओं पर
5- महाविद्यालयों एंव माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षिकाओं को पंचायत/निकाय/विधानसभा / लोकसभा सहित अन्य चुनाव लड़ने पर रोक नहीं है जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक, शिक्षिकाओं पर रोक लगाई गई ऐसे सीतेला व्यवहार है क्यों ?

बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन किए जाने से पूर्व बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक / शिक्षिकाओं की वर्तमान विभिन्न मांगे निम्न है:-

1- राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक/शिक्षिकाओं को चिकित्सा व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

2- राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक/शिक्षिकाओं को ई०एल०/सी०एल० सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

3- माध्यमिक विद्यालयों/महाविद्यालयों की तरह बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी

लिपिक की नियुक्ति की जाए।

4- बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक / शिक्षिकाओं को पंचायत/निकाय/ विधानसभा / लोकसभा सहित अन्य निर्वाचन में चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाए।

5- राज्य कर्मचारियों एंव महाविद्यालयों की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को भी समुचित संसाधन व्यवस्था देते हुए अन्य सुविधाएं दी जाए।

बताया कि राज्य कर्मचारियों/उच्च शिक्षा / महाविद्यालयों की भांति एक रूपता रखते हुए उक्त मागों के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक/शिक्षिकाओं को सुविधा प्रदान किया जाए व नियुक्त लिपिक द्वारा डिजिटलाइजेशन व उपस्थिति की व्यवस्था कराई जाए। साथ ही राज्य कर्मचारियों/महाविद्यालयों/उच्च शिक्षा की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति कराई जाए एंव बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में
5- महाविद्यालयों एंव माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षिकाओं को पंचायत/निकाय/विधानसभा / लोकसभा सहित अन्य चुनाव लड़ने पर रोक नहीं है जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक, शिक्षिकाओं पर रोक लगाई गई ऐसे सीतेला व्यवहार है क्यों ?

बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन डिजिटलाइजेशन किए जाने से पूर्व बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक / शिक्षिकाओं की वर्तमान विभिन्न मांगे निम्न है:-

1- राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक/शिक्षिकाओं को चिकित्सा व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

2- राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक/शिक्षिकाओं को ई०एल०/सी०एल० सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।

3- माध्यमिक विद्यालयों/महाविद्यालयों की तरह बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी

लिपिक की नियुक्ति की जाए।

4- बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक / शिक्षिकाओं को पंचायत/निकाय/ विधानसभा / लोकसभा सहित अन्य निर्वाचन में चुनाव लड़ने का अधिकार दिया जाए।

5- राज्य कर्मचारियों एंव महाविद्यालयों की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को भी समुचित संसाधन व्यवस्था देते हुए अन्य सुविधाएं दी जाए।

कहा कि राज्य कर्मचारियों/उच्च शिक्षा / महाविद्यालयों की भांति एक रूपता रखते हुए उक्त मागों के अनुसार बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक/शिक्षिकाओं को सुविधा प्रदान किया जाए व नियुक्त लिपिक द्वारा डिजिटलाइजेशन व उपस्थिति की व्यवस्था कराई जाए। साथ ही राज्य कर्मचारियों/महाविद्यालयों/उच्च शिक्षा की भांति बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति कराई जाए एंव बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय विद्यालयों में इस दौरान रवि भूषण सिंह,यूटा अध्यक्ष शिवम अग्रवाल, अभिषेक मिश्रा ,अमित चौबे ,जयप्रकाश राय ,रविंद्र नाथ चौधरी, कुंज लता तिवारी, रश्मि द्विवेदी, रीना, मंजूलता ,नमिता सिंह, पूजा तिवारी ,सिंधु मिश्रा ,रचना सहित आदि लोग मौजूद रहे।

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