ट्रेन के आगे कूदकर शिक्षक ने की आत्महत्या…..

औरैया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आप बहुत जगह जाते रहते है, मेरे मरने के बाद मेरे घर आकर परिवार का साहस बढ़ा देना… खुदकुशी करना ठीक नहीं होता लेकिन मुझे बहुत दिनों से परेशान और मैं अपनी गरीबी से ऊब चुका हूॅं।

सुसाइड नोट में लिखकर प्राइवेट स्कूल से निकाले जाने के बाद से परेशान एक शिक्षक ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू की।कन्नौज जिले के छिबरामऊ के मोहल्ला भेनपुरा नई बस्ती निवासी प्रवीण कुमार पुत्र संतराम सक्सेना औरैया के सुदिति ग्लोबल स्कूल में मैथ का टीचर था। सुसाइड नोट के अनुसार उसे स्कूल ने पढ़ाने से मना कर दिया। इसके बाद वह मानसिक अवसाद में था। इस कारण उसने दिबियापुर में पश्चिमी केबिन की तरफ जाकर मालगाड़ी के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। जब लोगों ने देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी।पुलिस ने शव ट्रैक से हटाया। शव के पास एक बैग मिला। जिसमें दो पन्ने का सुसाइड नोट रखा। सुसाइड नोट एक प्रार्थना पत्र के रूप में लिखा गया जो की प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित है। सुसाइड नोट में मृतक ने पहले अपना नाम पता लिखा और लिखा की वह सुदीति ग्लोबल में दो वर्षो से पढ़ा रहा है और अब उसे स्कूल से निकाल दिया गया है। वह तीन भाई है एक भाई का इलाज चल रहा है और दूसरा एंबुलेंस में ईएमटी था जिसकी भी नौकरी चली गई।पिता सब्जी बेंचते है और बीमार भी हैं। बहन की शादी के लिए वह पढ़ा रहा था और मेहनत कर रहा है। अब बीच सत्र में निकाले जाने से अब वह क्या करे घर भी नही बना है,सरकार की तरफ से कोई ऐसी सुविधा भी नही है। लिखा है की इस मामले में स्कूल के बच्चो पर पढ़ाई का कोई प्रभाव नहीं पढ़ना चाहिए । उसने बहुत ईमानदारी से पढ़ाया है।उसे परेशान किया गया। रिजल्ट भी अच्छा रहा।प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी से हाथ जोड़कर निवेदन है की मेरा मृतक शरीर देखकर परिवार प्राण त्याग सकता है। पुत्र शोक दुनिया का सबसे बड़ा दुख है। आपसे निवेदन है की आप मेरे घर आकर मेरे परिवार को साहस दे आकर। आप लोग बहुत जगह जाते रहते है तो मेरे घर आकर भी मेरे परिवार को साहस दें।अगर एक जवान शहीद होता है तो उसे भी शिक्षक ही पढ़ाता है। तब वह देश के लिए होता है। महोदय खुदकुशी करना ठीक नहीं है लेकिन मुझे बहुत दिनो से परेशान किया जा रहा है आपस निवेदन है की आप मेरे परिवार को साहस दें। 

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