सिद्धार्थनगर। माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में लैब में जांच के लिए मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। लगभग छह माह पहले शुरू हुआ केंद्रीय लैब बनाने का कार्य पूरा नहीं हुआ है। इस वजह से मरीजों को गैलरी में खड़े होकर सैंपल देने और रिपोर्ट लेने में कठिनाई हो रही है। जिम्मेदार मरीजों की समस्या से बेखबर हैं।
जिला अस्पताल के माधव प्रसाद मेडिकल कॉलेज में तब्दील होने के बाद लगातार सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। इसी के तहत जांच लैब को केंद्रीय लैब में तब्दील कर दिया गया है। लगभग छह माह पहले लैब को सीढ़ी के पास स्थित हाल में अस्थाई रूप से संचालित किया जा रहा है। लैब को बड़ा और स्मार्ट बनाने के लिए काम शुरू हुआ था। लेकिन अबतक मूल रूप नहीं ले सका। निर्माण की गति शिथिल होने के कारण मरीजों को दिक्कत हो रही है। ओपीडी के आंकड़ों पर गौर करें तो प्रतिदिन 1200-1500 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। इसमें तकरीबन 300-500 लोगों की ब्लड और यूरिन से जुड़ी जांच के लिए भेजा जाता है।
दूसरे तल पर लैब के पास केवल एक गली है। जहां खड़े होकर मरीजों को रजिस्टे्रशन कराना है। सैंपल जमा करना है और फिर रिपोर्ट भी लेना है। तकरीबन आठ फीट चौड़ा और 15 फीट लंबे गैलरी में मरीज किसी प्रकार से खड़े होकर नंबर ले रहे हैं। यह आसानी से समझ सकते हैं। लेकिन जिम्मेदारों को यह परेशानी नजर नहीं आ रही है। किसी प्रकार से जांच के लिए मरीजों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है। मसिना निवासी अलताफ ने कहा कि एक बार नंबर लगना मुश्किल रहता है।
एक व्यक्ति के जांच में तीन बार इस लाइन का सामना करना पड़ता है। हर मरीज जूझ रहा है। उसका कस्बा निवासी ओमप्रकाश ने कहा कि भीड़ में घुटन सी होने लगता है। कई माह से इसी प्रकार से व्यवस्था चल रही है। लेकिन किसी को समस्या नहीं दिख रही है। जल्द ही सुधार करने की जरूरत है। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. एके झा ने बताया कि लैब बनाने कार्य चल रहा है। निर्माण कराने वाले ठेकेदार से जल्द कार्य पूरा करने के संबंध में निर्देश दिया जाएगा।