लखनऊ। अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बन रहा है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। हमारा मानना है कि राम और कृष्ण में कोई भेद नहीं है। जो राम है वही कृष्ण हैं। जो कृष्ण है वही राम है। ये बातें सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान कहीं।
अखिलेश यादव ने कहा है कि संविधान का पालन करने वाले ही देश में पूजे जाएंगे। बाबा साहब डॉ0 भीमराव अंबेडकर ने देश का संविधान बनाया है, जो संविधान के पक्ष में खड़ा होगा, उनका हमेशा सम्मान होगा। हम सभी लोग संविधान की शपथ लेकर संवैधानिक पद को ग्रहण करते हैं और संविधान की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। सपा विकास की राजनीति करती है, इससे लोगों की तरक्की होगी और घरों में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने यूपी को विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ाया। आज उत्तर प्रदेश में जो विकास दिखाई दे रहा है। वह समाजवादी सरकार की देन है। इसके अलावा अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम लोग राजनीति में हैं, हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों का जीवन बदले तरक्की और विकास हो लेकिन भाजपा मुद्दों को भटकाने का काम कर रही है। देश में महंगाई, बेरोजगारी, अन्याय और अत्याचार चरम पर है। नौजवानों को सम्मानजनक नौकरी नहीं मिल रही है। 60 हजार पुलिस की भर्ती होनी है, 50 लाख नौजवानों ने फार्म डाले है। यह हालत चिंताजनक है, भाजपा इसके लिए दोषी है।
अखिलेश यादव ने पूर्व सांसदों-विधायकों संग की बैठक
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को राजधानी लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व एमएलसी के साथ बैठक की। बैठक में सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव, बलराम यादव, समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सभी पूर्व सांसद, विधायक को जमीनी स्तर से मजबूती देने के निर्देश दिए। इस दौरान सपा के पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव भी बैठक में अन्य पूर्व सांसदों और विधायकों के साथ नजर आए। ऐसे में कहा जा सकता है कि समाजवादी पार्टी अब जमीनी स्तर से रणनीति बनाने की तैयारी कर रही है।
गणतंत्र दिवस पर गांव स्तर पर होंगे आयोजन
अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर समाजवादी पार्टी का पूरा संगठन गांव स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करेगा। सभी लोग 26 जनवरी को बैठकर संविधान पर चर्चा करेंगे और जिनके त्याग-बलिदान के फलस्वरूप देश को आजादी मिली उनका स्मरण करेंगे।