पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट का आया एहम फैसला, नवाज़ को मिली राहत…

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में दोषियों के आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हटा दिया। अब दोषियों के चुनाव लड़ने पर केवल पांच साल का प्रतिबंध रहेगा। आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद नवाज शरीफ के चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की राह की बड़ी अड़चन समाप्त हो गई है। नवाज अब चुनाव लड़ सकेंगे।

नवाज चुनाव में जीत के प्रबल दावेदार
माना जा रहा है कि नवाज की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज आठ फरवरी को होने वाले चुनाव में जीत की प्रबल दावेदार हैं। अगर पीएमएल-एन चुनाव जीती तो नवाज चौथी बार प्रधानमंत्री बन सकते हैं। 74 वर्षीय नवाज को 2017 में भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। 2017 से अब तक पांच साल का समय बीत चुका है।

चुनाव लड़ना नागरिकों का मौलिक अधिकार
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया कि अनुच्छेद 62 (1) (एफ) के तहत अयोग्य ठहराए जाने पर किसी भी व्यक्ति को जीवन भर चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है। पीठ ने छह- एक के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 में सुनाए गए फैसले को रद कर दिया। जस्टिस ईसा ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव लड़ना नागरिकों का मौलिक अधिकार है।

जस्टिस अफरीदी ने आजीवन अयोग्यता के पक्ष में असहमति का नोट लिखा।पाकिस्तान के शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ के 2018 के फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता जीवन भर के लिए है। लेकिन 26 जून, 2023 को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज नीत गठबंधन सरकार ने चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव करते हुए प्रतिबंध को पांच साल तक सीमित कर दिया गया था।

जस्टिस ईसा, जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह, जस्टिस याह्या अफरीदी, जस्टिस अमीनुद्दीन खान, जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल, जस्टिस मुहम्मद अली मजहर और जस्टिस मुसर्रत हिलाली की खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस फैसले के बावजूद इमरान इस बार नहीं लड़ सकेंगे आम चुनाव सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लाभ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस चुनाव में नहीं मिल सकेगा। इमरान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पिछले साल दोषी ठहराया गया है। ऐसे में वह 2028 तक चुनाव नहीं लड़ सकते, क्योंकि दोषियों के चुनाव लड़ने पर अभी भी पांच साल का प्रतिबंध है।

बल्ला चुनाव निशान बहाल करने की पीटीआइ की याचिका पर सुनवाई कल
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह बल्ला चुनाव निशान की बहाली के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफके आवेदन पर 10 जनवरी को सुनवाई करेगा। पीटीआइ ने पेशावर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

हाईकोर्ट ने पीटीआइ के चुनाव निशान को रद करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के आदेश को बहाल कर दिया था। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने पिछले एक आदेश में पार्टी के आंतरिक चुनाव को रद कर दिया था और ‘बल्ले’ को पार्टी के चुनाव निशान के रूप में इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी।

Related Articles

Back to top button