नई दिल्ली। भारतीय टीम के महान लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 25 साल पहले आज ही के दिन ऐसा कमाल किया था कि क्रिकेट प्रेमियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था। कई क्रिकेट प्रेमी आज भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि उस पल को देखकर उत्साह से रोंगटे खड़े हो जाते हैं और अब भी यह पल रोमांचित कर उठता है।
जी हां, हम उसी पल की बात कर रहे हैं, जब कुंबले ने एक पारी में 10 विकेट लेकर भारत वासियों को गर्व महसूस कराया था। 7 फरवरी 1999 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम पर अनिल कुंबले ने अपनी फिरकी के जादू में पाकिस्तानी बल्लेबाजों को उलझाया और एक के बाद एक पूरे 10 विकेट ले डाले।
मैच का हाल
भारत-पाकिस्तान मैच हो तो बताने की जरुरत नहीं कि धड़कनों का क्या हाल होगा। 7 फरवरी 1999 को दूसरा टेस्ट खेला जा रहा था। भारतीय टीम सीरीज में 0-1 से पीछे थी। भारत ने दिल्ली में पहले बल्लेबाजी की और उसकी पहली पारी 252 रन पर ऑलआउट हुई। जवाब में पाकिस्तान की पहली पारी केवल 172 रन पर ढेर हो गई। अनिल कुंबले सबसे ज्यादा चार विकेट झटके।
भारत को पहली पारी के आधार पर 80 रन की बढ़त मिली। मेजबान टीम की दूसरी पारी 339 रन पर सिमटी और इस तरह पाकिस्तान को मैच जीतने के लिए 420 रन का लक्ष्य मिला। पाकिस्तान को शाहिद अफरीदी (41) और सईद अनवर (69) की जोड़ी ने 101 रन की साझेदारी करके मजबूत शुरुआत दिलाई।
सचिन तेंदुलकर का टोटका आया काम
पाकिस्तान की टीम लक्ष्य की ओर मजबूती से आगे बढ़ रही थी, तब सचिन तेंदुलकर का एक टोटका काम आ गया। तेंदुलकर ने एक टॉक शो में बताया था कि 24 ओवर हो गए थे और भारतीय टीम विकेट लेने में नाकाम रही थी। अनिल कुंबले को गेंदबाजी के लिए बुलाया गया। सचिन तेंदुलकर ने कुंबले का स्वेटर और टोपी ली और अंपायर को जाकर सौंप दी। ऐसा इसलिए ताकि गेंदबाज सीधे अपने रन-अप पर जाकर गेंदबाजी की तैयारी करे।
25वें ओवर में कुंबले ने शाहिद अफरीदी को विकेटकीपर मोंगिया के हाथों कैच आउट करा दिया। अगली ही गेंद पर उन्होंने एजाज अहमद को एलबीडब्ल्यू आउट करके भारत की मैच में वापसी करा दी। तेंदुलकर अपने खेलने वाले दिनों में अंधविश्वास से परहेज नहीं करते थे। उन्हें लगा कि यह टोटका काम आ रहा है। उन्होंने कुंबले के हर ओवर से पहले उनका स्वेटर और टोपी लेना शुरू किया व अंपायर को जाकर देते।
इसका असर ये रहा कि कुंबले ने 10 विकेट लेकर कोटला स्टेडियम पर इतिहा रच दिया। कुंबले ने एक पारी में सभी 10 विकेट चटका दिए। उनका गेंदबाजी स्पेल रहा- 26.3 ओवर में 9 मेडन सहित 74 रन देकर 10 विकेट। भारत ने यह टेस्ट 212 रन के विशाल अंतर से जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर की। सचिन तेंदुलकर का टोटका कामयाब रहा और अनिल कुंबले इतिहास रच सके।
वकार यूनिस की नाकाम साजिश
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने भी इसी मैच से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया था। उन्होंने बताया कि वकार यूनिस कुंबले को 10वां विकेट नहीं लेने देना चाहते थे। इसलिए यूनिस ने फैसला किया कि वो रन आउट होना पसंद करेंगे, लेकिन कुंबले को 10वां विकेट नहीं लेने देंगे।
वकार यूनिस की यह साजिश नाकाम रही और कुंबले ने वसीम अकरम को अपना 10वां शिकार बनाकर इतिहास रच दिया। वकार यूनिस के इस किस्से का जब खुलासा हुआ तो उनकी जमकर किरकिरी हुई, लेकिन पाक दिग्गज ने इस तरह के आरोप से इनकार किया।
बहरहाल, अनिल कुंबले की यह उपलब्धि भारतीय क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम पलों में से एक है, जिसे क्रिकेट फैंस कभी भूल नहीं पाएंगे। क्रिकेट इतिहास में केवल तीन ही गेंदबाज हैं, जिन्होंने एक पारी में 10 विकेट लेने का कमाल किया है। ये हैं- जिम लेकर, अनिल कुंबले और एजाज पटेल।