हमीरपुर : कस्बे के एक कोटेदार के पुत्र ने मकान की ऊपरी मंजिल में बने कमरे में लोन न स्वीकृति होने व मकान न खाली होने से परेशान होकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दूसरे दिन दरवाजा न खुलने पर पिता ने पड़ोसियों के साथ दरवाजे को खोला तो पुत्र फंदे पर लटकता मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
कस्बे के कोटेदार मोहनदास का पुत्र नवनीत (25)अपने मकान के सबसे ऊपरी मंजिल में बने कमरे रहता था। जबकि माता-पिता नीचे मंजिल में रहते थे। पिता ने बताया कि यह अक्सर दरवाजा बंद करके अपने कमरे में सोता रहता था। जिससे वह कोई खास ध्यान नहीं देते थे। बताया कि बुधवार की रात वह खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने चला गया।
गुरुवार को दिनभर दरवाजा नहीं खोला। लेकिन शुक्रवार को सुबह जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्हें आशंका हुई और वह पड़ोसियों को बुलाकर लाए और दरवाजा खुलवाया। तब पुत्र फंदे पर लटकता मिला। पिता की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मृतक दो भाइयों व तीन बहनों में सबसे छोटा था।तीनों बहनों की शादी हो गई है।जबकि बड़ा भाई रोहित दिल्ली में जॉब करता है।अचानक हुई इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है। मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसका लोन नहीं स्वीकृति हो रहा है और स्टेशन रोड में बनी दुकान नहीं खाली हो रही है।जिससे वह डिप्रेशन में है और उसे अजीब अजीब सपने आ रहे है। जिससे वह परेशान होकर आत्महत्या कर रहा हूं। पिता ने बताया कि स्टेशन रोड पर ठड़ेश्वरी आश्रम के सामने दुकान है।जिसमें दामाद ने कई वर्ष पहले किराए पर लिया था।लेकिन अब वह खाली नहीं कर रहे है।शायद पुत्र इसी वजह से परेशान था।