सड़क किनारे छायादार वृक्ष आग की लपटों से हुए बेजान

कृषि फार्म की मेंडो और सड़क के किनारे के जंगल को खत्म करने को लगाई गई थी आग

ऐसा करने वाले दोषियों पर सामाजिक संगठन ने की कार्यवाही की मांग

मलिहाबाद,लखनऊ। जिन छायादार वृक्षों को वन विभाग ने सड़क किनारे लोगों की सुविधा के लिए लगाया था वह आग की लपटों की वजह से जलकर बेजान हो चुके हैं। गर्मियों में कड़ी धूप से बचने के लिए राहगीर इन्हीं पेड़ों की छाया में राहत की सांस लेते थे जो अब यही पेड़ आग की चपेट के कारण सूख गए हैं। सामाजिक संगठन के लोगों ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। अब देखना यह होगा की जिम्मेदार जांच कर दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे।

मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के रहीमाबाद थाना अंतर्गत रहीमाबाद कृषि फार्म के गहदो मॉल मार्ग के किनारे वन विभाग द्वारा छायादार वृक्षों को लगाया गया था। यह छायादार वृक्ष बेहद ही इस भीषण गर्मी में राहगीरों के लिए लाभकारी बनकर खड़े थे। लेकिन इन छायादार वृक्षों पर इन्हें नष्ट करने वाले दोषियों की नजर लग गई। वैसे तो क्षेत्र के लोग बताते हैं कि इन छायादार वृक्षों के जलने की वजह कृषि विभाग के जिम्मेदार है लेकिन कृषि फार्म के मैनेजर ने अपनी बयान बाजी में टाल मटोल किया है। लोगों ने बताया कि हर वर्ष जब भी कृषि फार्म की फसल कट जाती है तो उसके बाद कृषि फार्म की तरफ से ही सड़कों की पटरियों पर जो भी घास फूस जंगल हो जाता है उन्हें जलाने के लिए आग लगाई जाती है। वही मंजर इस बार गेहूं की फसल कटने के बाद हुआ। फसल कटने के बाद से ही खेतों सहित पूरे कृषि फार्म में आए दिन आग की लपटें नजर आती रही। इन्हीं आग की लपटों में एक आम बागवान की फसल जलकर राख हो गई थी जिसमें उसका करीब एक लाख रुपए का नुकसान हुआ है। जो पेड़ इस भीषण गर्मी में राहगीरों को छाया देते थे वह आज अपनी ही जिंदगी से बेजान हो चुके हैं।

रहीमाबाद कृषि फार्म के मैनेजर राम तेज से इस संबंध में जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोई आदेश नहीं होता है इस तरह का लेकिन साफ सफाई की जिम्मेदारी खंड प्रभारी की होती है। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे जो भी वृक्ष जले हैं वह किसी राहगीर ने जलाया है। स्टाफ के लोगों द्वारा इस तरह का काम नहीं किया गया है।

वन विभाग: डिप्टी रेंजर देवेश प्रांजपे ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि कृषि फार्म वाले ही साफ सफाई के उद्देश से आग लगा देते हैं ताकि जो भी जंगल झाड़ियां हैं वह सब जल जाएं लेकिन बारिश में यह सब हरे भरे हो जाएंगे। उन्होंने दावा किया है की कृषि फार्म की तरफ से ही यह हुआ है।

हिंदू जागरण मंच लखनऊ के जिला सहसंयोजक संतोष कुमार सिंह तिलन ने बताया कि यह बेहद ही गंभीर विषय है। जो पेड़ इस भीषण गर्मी में छाया देकर लोगों को राहत पहुंचा रहे थे वह आज जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते सूख गए हैं। ऐसा करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की वह मांग कर रहे हैं।

भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी से लखनऊ क्षेत्र के विधानसभा महासचिव अवधेश अर्कवंशी ने भी इसकी घोर आलोचना की है। उन्होंने बताया कि काफी समय से कृषि फार्म में आग की लपटे देखी जा रही थी। क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत भी की थी लेकिन किसी जिम्मेदार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार सड़क के किनारे छायादार पेड़ आग की लपटों का शिकार हो ही गए जो बेहद ही गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा इस पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही होना बेहद जरूरी है।

सामाजिक कार्यकर्ता क्षेत्र के जौरिया गांव निवासी हरिवंश त्रिपाठी ने बताया की उनकी दुकान रहीमाबाद चौराहे के निकट है। वह अपने गांव से जब भी निकलते थे तो अक्सर रहीमाबाद रेलवे क्रॉसिंग पर गेट बंद रहता था। कड़ी धूप में वह इन्हीं पेड़ों की छांव में रुक जाते थे लेकिन जब से पेड़ सूख गए हैं तब से उन्हें ही नहीं इस मार्ग से निकलने वाले हजारों की तादाद में राहगीरों को सूरज की तपन को झेलना पड़ रहा है।

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