सपा के सनातन ने भाजपा के नीरज को चटाई धूल

43384 के बड़े अंतर से जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाने के सपने को किया चकनाचूर

शुरू से लेकर अंत तक सनातन ने बढाए रखी बढ़त

बलिया। लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी एवं पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय से करारी हार का सामना करना पड़ा। सनातन पांडेय ने नीरज शेखर को लगभग 43384 मतों से पराजित किया। पिछले लोकसभा चुनाव में सनातन पांडेय को भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त से करीब 15 हजार मतों से पराजित होना पड़ा था। लेकिन इस बार उन्होंने भाजपा के नीरज शेखर को धूल चटाकर अपनी हार का बदला ले लिया। वहीं इस सीट पर हैट्रिक लगाने के बीजेपी के सपने को भी सनातन पांडेय ने चकनाचूर कर दिया।

शहर के तिखमपुर स्थित मंडी समिति में मंगलवार को सुबह आठ बजे पोस्टल बैलेट के साथ मतगणना शुरू हुई। मतगणना के लिए विधानसभावार अलग-अलग टेबल लगाए गए थे। हालांकि पहला रुझान काफी देर से प्राप्त हुआ। मतगणना के शुरुआत से ही सपा प्रत्याशी ने अपने प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त बनाए रखी। राउंड दर राउंड सपा प्रत्याशी की बढ़त लंबी होती गई। कुछ एक९ राउंड में ही भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर सपा प्रत्याशी की बढ़त कम करते नजर आए, लेकिन वो नाकाफी साबित हुआ। सिर्फ बलिया नगर विधानसभा को छोड़ दें तो सपा प्रत्याशी को बलिया के बैरिया, फेफना और गाजीपुर के जहूराबाद और मोहम्मदाबाद विधानसभा में अच्छे-खासे मत मिले। बसपा प्रत्याशी लड़ाई से एक दम बाहर दिखे। शुरू से ही उसे लड़ाई से बाहर माना जा रहा था।

जीत का श्रेय सनातन ने लोकसभा की सम्मानित जनता को दिया

बलिया। 72 लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन प्रत्याशी सनातन पांडे ने अपना जीत का श्रेय 72 लोकसभा की समानित जनता को दिया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की समानित जनता को रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य विकास जो भी समस्याएं होंगी वह उनकी पहली प्राथमिकता होगी। आपको बता दें कि 72 लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर को कुल 423684 मत मिले। जबकि इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सनातन पांडे को 467068 वोट प्राप्त हुए। इस प्रकार सनातन पांडे ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी नीरज शेखर को 43384 मतों से पराजित कर विजय प्राप्त की। अंत में आरओ/ जिला निर्वाचन अधिकारी रविंद्र कुमार ने सनातन पांडे को प्रमाण पत्र देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी।

भुगतना पड़ा भीतरघात का खामियाजा

भाजपा ने बलिया लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करने के लिए अपना पूरा जोर लगाया था। यहां के सीटिंग एमपी वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र को टिकट दिया गया था। इसके बाद भी भाजपा सत्ता विरोधी लहर से पार नहीं पा सकी। बैरिया और फेफना विधानसभा में पार्टी को भितरघात का भी खामियाजा उठाना पड़ा।

हैट्रिक लगाने का सपना हुआ चूर-चूर

बलिया। स्थानीय नेताओं की आपसी खींचतान ने भी भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया। वर्ष 2014 में भाजपा के भरत सिंह ने 359,758 मत पाकर सपा के नीरज शेखर को 139,434 मतों से हराया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त ने 469,114 मत पाकर सपा के सनातन पांडेय को 15,519 मतों से हराया था। लगातार दो चुनाव जीतने वाली भाजपा का बलिया लोकसभा सीट से हैट्रिक लगाने का सपना भी धरा का धरा रह गया।

दलित समुदाय ने बीजेपी के रथ को रोकने में निभाई अहम भूमिका

बलिया। 72 लोकसभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को भाजपा ने उम्मीदवार बनाकर हैट्रिक लगाने की फिराक में थी। लेकिन इंडिया गठबंधन से प्रत्याशी सनातन पांडेय के पक्ष में यादव, मुसलमान, ब्राह्मण, ओबीसी के साथ ही घी डालने का काम दलित समुदाय के मतदाताओं ने हैट्रिक लगाने के सपने को धराशायी कर दिया। क्योंकि भाजपा द्वारा इस बार दलित समुदाय को कहीं ना कहीं उपेक्षा की गई। आलम यह रहा कि चाहे वह प्रत्याशी हो या उनके समर्थक कोई भी दलित समुदाय के बीच जाने की कोशिश नहीं की। वह अपना वोट मानकर ओवर कॉन्फिडेंस में हो गए। जिसका नतीजा रहा कि भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।

अंदर से बाहर तक चप्पे-चप्पे पर फोर्स रही तैनात
बलिया। तिखमपुर स्थित नवीन मंडी में मतगणना की दौरान चप्पे-चप्पे पर अंदर से लेकर बाहर तक फोर्स भारी संख्या में मौजूद रही। इसके अलावा ड्रोन कैमरा एवं सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जा रही थी। इस दौरान अंदर आने वाले प्रत्येक प्रत्याशी, समर्थक व एजेंट की मोबाइल बाहर ही रखवा दी जा रही थी। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर वाहनों को भी मतगणना स्थल से करीब एक किलोमीटर दूर खड़ा कराया गया था। सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर में की गई थी। बाहर सिविल पुलिस, इसके बाद पीएसी व मतगणना स्थल के अंदर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई थी। इस कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।

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