बदायूं डबल मर्डर केस का हुआ खुलासा, दोनों मासूम भाइयों का बेरहमी से किया कत्ल, पोस्टमार्टम में मिले इतने घाव के निशान…

बदायूं। बदायूं कांड को अंजाम देने वाले कातिल साजिद ने दोनों मासूम भाइयों का बड़ी बेरहमी से कत्ल किया था। उसने दोनों का न केवल चाकू से गला रेता बल्कि शरीर पर अंधाधुंध वार किए थे। आयुष के शरीर पर चाकू के 14 वार उसके खुद को बचाने के लिए संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, आयुष के शरीर पर 14 और अहान के शरीर पर नौ घाव मिले हैं। बुधवार सुबह करीब नौ बजे दोनों भाइयों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। हालांकि पोस्टमार्टम की तैयारी रात से ही शुरू हो गई थी।
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रात करीब एक बजे दो डॉक्टरों का पैनल गठित कर दिया गया था। इसमें डॉ. जीके गुप्ता और डॉ. श्रीपाल सिंह शामिल थे। दोनों बुधवार सुबह आठ बजे ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। वीडियोग्राफी के बीच दोनों बच्चों के शव का पोस्टमार्टम किया गया।

बताया जा रहा है कि पोस्टमार्टम के दौरान आयुष के शरीर पर 14 घाव मिले हैं। मुख्य रूप से उसकी मौत गला रेतने की वजह से हुई थी। इसके अलावा उसकी गर्दन, कंधा, पीठ, हाथ, हथेली, पैर, पीठ आदि पर भी गहरे जख्म मिले हैं।

अहान की भी गला रेतकर हत्या की गई थी। उसके शरीर पर कुल नौ घाव मिले हैं। दोनों भाइयों के शरीर पर चाकू से जिस तरीके से अंधाधुंध वार किए गए हैं, उससे साफ है कि हत्यारोपी उनके जिंदा बचने की कोई गुंजाइश न छोड़ने का इरादा लेकर ही आया था। हालांकि उसने दोनों बच्चों की हत्या क्यों की, इसका अभी पता नहीं चला है।

जावेद और साजिद को भइया जी कहते थे दोनों बच्चे
आयुष और अहान की हत्या के बाद बच्चों की दादी मुन्नी देवी ने कहा कि हत्या का कारण साफ होना चाहिए। पुलिस हमें बताए, हमारी गलती क्या है। क्यों घटना हुई। उन्होंने कहा कि आरोपी ने अपनी परेशानी बताई तो उसे हमारी बहू ने पांच हजार रुपये दिए। फिर भी उसने बच्चों की जान ले ली। अब पुलिस दूसरे आरोपी को गिरफ्तार करे और पूछताछ करे तो पूरा मामला खुले।

दादी मुन्नी देवी ने कहा कि आरोपी जावेद और साजिद के साथ रुपयों का लेनदेन उनकी जानकारी में नहीं है। बोलीं- अगर वह बेटे विनोद से रुपये ले जाते हैं, तो उन्हें पता नहीं। उन्होंने बताया कि पूरे मोहल्ले में उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं। बच्चे तो दोनों आरोपियों को भइया जी कहकर बुलाते थे। सामने ही दुकान थी। वहां बाल कटवाने बच्चे जाते थे तभी परिचय हुआ था। तभी सपंर्क बना।

उन्होंने बताया कि जब हत्या हुई वह वे कमरे में थीं। मझला नाती पीयूष छत पर जावेद के लिए पानी लेकर गया तो उसके मुंह से यही निकला अरे जावेद भईया ये क्या कर रहे हो? वह चीखा तो हत्यारे ने उसका मुंह दबाया तो इसने हाथ मारा पानी का गिलास छूटकर गिर गया। पीयूष नीचे आया और बोला- अरे अम्मा दादा को तो उसने हाथ काट दिया। फिर बोला-अरे अब ऊपर मत जाना। तब तक आरोपी नीचे आया। जाते वक्त उसके हाथ में चाकू नहीं दिखा था लेकिन जब नीचे आया तो हाथ में खून से सना चाकू था।

अगर मुठभेड़ से पहले साजिद पूछताछ की गई होती तो हत्या का कारण सामने आ सकता था। अब जावेद को पकड़ा जाए और पूछा जाए कि बच्चों की जान क्यों ली गई क्योंकि हमारी न तो किसी से रंजिश थी और कोई विवाद।-मुन्नी देवी, आयुष और आहान की दादी

हत्यारोपी जावेद के हाथ में पांच हजार रुपये दिए थे। साजिद ने कहा था कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होनी है और पांच हजार रुपये उसे उधार चाहिए। अगर रंजिश होती तो हम मदद क्यों करते? -संगीता, आयुष और आहान की मां

कक्षा आठ पास है साजिद, जावेद हाईस्कूल फेल
हत्यारोपी साजिद तीन भाई हैं। उनमें सबसे बड़ा साजिद (32) है। वह कक्षा आठ पास है और उसका मुख्य पेशा सैलून की दुकान है जबकि जावेद (30) हाईस्कूल फेल है। उसकी शादी सहसवान से हुई है। वह भी इस दुकान पर बाल काटने का काम करता था। तीसरा भाई वाजिद (25) अविवाहित है। वह अपने पिता के साथ जैन मंदिर के सामने खोखा पर बाल काटना सीख रहा था।

उपरैला गांव से 34 साल पहले भागा था साजिद का परिवार
हत्यारोपी साजिद का परिवार मूलरूप से अलापुर थाना क्षेत्र के गांव उपरैला का रहने वाला था। वर्ष 1989 में जन्माष्टिमी के मौके पर गांव में पालिकी निकाली जा रही थी। उसी दिन जफरुद्दीन का 12 वर्षीय बेटा हसनू लापता हो गया था। दो दिन बाद उसका गन्ने के खेत में शव पड़ा मिला था। इसमें साजिद के पिता बाबू का नाम सामने आया था। हालांकि पुलिस को उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले थे।

इससे पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था। इसके डर से बाबू और उसके चार भाई उपरैला गांव छोड़कर भाग आए थे और यहां सखानूं में आकर बस गए। तब से उसका परिवार सखानूं में ही रह रहा था। गांव के 75 वर्षीय बाबू ने बताया कि साजिद के पिता के नाम पर करीब चार-पांच बीघा जमीन है। वह अक्सर उसे पेशगी पर उठा देते हैं। हसनू की एक बहन जुवैदा है। उसकी जलालपुर में शादी हो चुकी है।

साजिद की पत्नी बोली- 15 दिन पहले छोड़ गया था मायके
मुख्य हत्यारोपी साजिद की ससुराल बिनावर थाना क्षेत्र के गांव ददमई में है। उसकी पत्नी सना का कहना है कि करीब 15 दिन पहले साजिद उसे ददमई लाकर छोड़ गया था। तब से वह अपने मायके में ही है। साजिद का मुख्य पेशा सैलून की दुकान थी। इसी से उसके घर का गुजारा चल रहा था। उसके साजिद से संबंध अच्छे थे। वह इस समय गर्भवती नहीं है। साजिद उसे गर्भवती बताकर संगीता से रुपये मांगने क्यों पहुंचा था। इसके बारे में उसे कुछ जानकारी नहीं है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंगलवार की शाम को कलेजा चीर देने वाली खबर सामने आई। यहां मंडी समिति पुलिस चौकी से 500 मीटर दूर स्थित बाबा कॉलोनी में एक ठेकेदार विनोद ठाकुर के दो बेटों आयुष (13) और अहान (6) की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई।

ठेकेदार के मकान के सामने हेयर सैलून चलाने वाले साजिद ने इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। वारदात के तीन घंटे के बाद पुलिस ने मौके से करीब दो किमी दूर घेराबंदी कर आरोपी साजिद को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर गौरव विश्नोई भी घायल हुए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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