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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन में शामिल कई नेताओं ने मंगलवार को कहा कि उनके फोन को हैक करने की कोशिश की गई। राहुल गांधी ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह कहा कि उनके फैन को हैक करने की कोशिश की गई।
शशि थरूर,प्रियंका चतुर्वेदी, राघव चड्ढा, महुआ मोइत्रा और असदुद्दीन ओवैसी समेत कई विपक्षी नेताओं ने Apple की तरफ से मिले अलर्ट के आधार पर दावा किया कि मोदी सरकार उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है।
शिकायतकर्ता मोबाइल कंपनी से करें बात : रविशंकर प्रसाद
विपक्षी नेताओं के शिकायत सामने आने के बाद भाजपा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर कहा कि यह Apple को स्पष्ट करना है, उन्हें (विपक्षी नेतओं को) FIR दर्ज करनी चाहिए। इन नेताओं को मोबाइल कंपनी से बातचीत करनी चाहिए और पूछना चाहिए कि आखिर क्या माजरा है। लेकिन, मैं अपने अनुभव से साथ कहना चाहता हूं कि कोई भी टोलीकॉम कंपनी ऐसा नहीं करती है।
इस मामले पर स्पष्टीकरण देना मोबाइल कंपनी का काम: भाजपा नेता
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा,”राहुल गांधी ने पहले पेगासस के बारे में दावे किए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष आईफोन जमा करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि ये एप्पल का काम है कि वह विपक्षी नेताओं और शिकायतकर्ताओं को इस अलर्ट पर स्पष्टीकरण दे।
अलर्ट मैसेज में क्या लिखा है?
कई नेताओं ने सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्टअलर्ट मैसेज की स्क्रीनशॉट साझा किया।
अलर्ट में लिखा है,” अगर आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कम्युनिकेशन, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं।”
एप्पल ने इस मामले पर क्या कहा?
विपक्षी नेताओं के आरोप के कुछ मिनटों के बाद ही एप्पल ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। कंपनी ने कहा कि हम किसी भी विशेष राज्य-प्रायोजित की सूचना नहीं देते हैं। यह संभव है कि कुछ ऐप्पल खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है।
कंपनी ने आगे कहा कि संभव है कि ये मैसेज एक फॉल्स अलार्म हो, जो इन खतरों की गलत जानकारी दे रहा हो। हमारे पास इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर किस वजह से यह अलर्ट जारी किया गया।