केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनरों के लिए चौंकाने वाली खबर है। कर्मचारी संगठनों की मांग के बावजूद सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर दो टूक जवाब दे दिया है। छह फरवरी को राज्यसभा में सांसद राम नाथ ठाकुर ने आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर सवाल पूछा था। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस सवाल के जवाब में कहा, सरकार के पास इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। हालांकि उन्होंने वेतन आयोग के गठन को लेकर पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था और तीस वर्ष से महंगाई का सामना, यह तर्क भी दिया है।
राम नाथ ठाकुर ने पूछे थे ये सवाल
राज्यसभा सदस्य राम नाथ ठाकुर ने छह फरवरी को वित्त मंत्री से आठवें वेतन आयोग के गठन संबंधी जानकारी मांगी थी। इसमें राम नाथ ठाकुर ने पूछा था, सरकार द्वारा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के पैरा 1.22 पर विचार न करने और उसे अनुमोदित न किए जाने के फाइलों में दर्ज कारण क्या हैं। दूसरा, क्या इस तथ्य के कारण कि सरकार वेतन आयोग संबंधी खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं है, क्या इसलिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। तीसरा, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और ऐसी स्थिति के क्या कारण हैं। चौथा, यदि नहीं, तो पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था द्वारा आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन न किए जाने और विगत तीस वर्षों से अभूतपूर्व मुद्रास्फीति का सामना कर रहे केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के वेतन में संशोधन न किए जाने के क्या कारण हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया यह जवाब
सातवें वेतन आयोग के आधार पर वेतन और भत्तों में संशोधन को अनुमोदन देते समय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस मामले पर विचार नहीं किया है। चौधरी ने बाकी तीनों सवालों के जवाब में कहा, सरकार के पास इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर आग्रह किया था कि मौजूदा परिस्थितियों में बिना किसी विलंब के आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए। ‘भारत पेंशनर समाज’ (बीपीएस) ने भी 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग उठाई थी। बीपीएस के महासचिव एससी महेश्वरी ने कहा था, 68वीं एजीएम के दौरान यह प्रस्ताव पास किया गया है कि अविलंब आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाए।