दोस्त की पत्नी से अवैध संबंध बना आलोक की हत्या का कारण

 हत्यारोपी ने बाजार से चाकू और शराब खरीदा, नशे में आने के बाद हड्डियां तोड़ी और रेत दिया गला 

आलोक कोरी हत्याकांड का सच सामने आ गया है। हत्यारोपी पड़ोस के रहने वाले संदीप ने पत्नी से अवैध संबंध को लेकर आलोक को मौत के घाट उतारा था। पूरा मामला कोतवाली नगर के अफलेपुर गांव का है। पुलिस ने हत्यारोपी संदीप निवासी अफलेपुर व उसके साथी शिव प्रसाद निवासी समनाभार थाना धम्मौर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है। वही आईजी अयोध्या ने पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम दिया है।

शहर से डेढ़ KM की दूरी पर अफलेपुर गांव है। यहां के रहने वाले संदीप कोरी ने 100 मीटर दूरी पर रहने वाले आलोक कोरी (18) की सिर धड़ से अलग कर चार दिन पूर्व हत्या कर दी थी। सर्विलांस के जरिए पुलिस कस्टडी में आए हत्यारोपी ने कैमरे पर आकर कबूल नामा दिया है। जानिए उसने क्यों और कैसे की हत्या…

आरोपी संदीप का कबूल नामा 

संदीप कोरी की मार्च माह के आसपास विवाह हुआ था। उसका आरोप है कि मृतक आलोक और उसकी पत्नी का अवैध संबंध हो गया। उसने आलोक को मना किया पर वो माना नहीं। बल्कि धमकी देने लगा। आरोपी की इस बात को सुनकर आलोक की मां ने कहा तुम एक बार बताते कि चाची-चाचा मना कर दो तो हम उसे समझा लेते। 

घटना के दिन संदीप आलोक को अपनी बाइक पर बैठाकर धम्मौर बाजार लेकर गया। वहां एक अन्य व्यक्ति भी बाजार में मिला उसे लेकर संदीप ने बाजार से शराब और चाकू खरीदा। फिर खेत में ले जाकर पहले तीनों ने शराब पी। जब आलोक नशे में डूब गया तो पहले ईंट से उसके सिर पर हमला बोला। हाथ तोड़ा और प्राइवेट पार्ट को जख्मी किया। अंत में जब आलोक बेसुध होकर मरणासन्न स्थिति में आ गया तो चाकू से गला रेतकर उसे मौत के घाट उतार दिया। 

परिवार वालों का कहना है कि इसे जेल से बाहर ना आने दिया जाए बल्कि इसको फांसी दिलाए। 

यह है पूरा घटनाक्रम 

दरअस्ल अफलेपुर निवासी आलोक रविवार 4 बजे शाम तक घर पर था। उसके बाद कॉल आने पर वो बहन सरिता को यह बताकर गया कि वो उस एजेंसी पर जा रहा है जहां वो काम करता है। रात बीत गई और वो घर नहीं लौटा। अगले दिन उसका शव धम्मौर के बिकना में खेत में पाया गया। उसका सिर धड़ से अलग था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम में भिजवाया। जहां सिर में चोटे, हाथ फ्रैक्चर व प्राइवेट पार्ट में चोट पाई गई। उसे शराब भी पिलाया गया था। मंगलवार को लखनऊ-वाराणसी हाइवे पर शव रखकर परिजनों ने तीन घंटे प्रदर्शन किया। एक्टिव हुई पुलिस ने सर्विलांस की मदद ली। और अंत में पिता को जो शक था कि गांव के दो लोगों ने घटना को अंजाम दिया है बुधवार को बात सामने आ ही गई।

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