रामलला के ललाट पर पड़ेंगी भगवान सूर्य की किरणें

अयोध्या। जन्मभूमि स्थित नव्य-भव्य धाम में नवमी पर 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से रामलला का सूर्य अभिषेक प्रारंभ होगा, जो पांच मिनट तक चलेगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि इसमें भगवान सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर पड़ेंगी।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट जिला प्रशासन के साथ समन्वय बना कर कार्य कर रहा है। मिश्र ने कहा, रामनवमी मेला सकुशल संपन्न होने को लेकर हम आश्वस्त हैं। भक्तों को सुविधाजनक तरीके से रामलला का दर्शन कराया जाएगा। बताया कि मंदिर व परकोटा तीव्रता से निर्मित किया जा रहा है, जो इस साल दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगा।

आपतित किरण
आपतित किरण जो रामलला के ललाट पर पहुंचेंगी वह कैसे बनती है इसे जानना रोचक है। प्रकाश की किरण सामान्य तौर पर केवल एक रेखा होती है जिसे हम यह दिखाने के लिए खींचते हैं कि प्रकाश कैसे चलता है। आपतित किरण को किसी खास बिंदु या सतह पर केंद्रित किया जाता है। आपतित किरण एक झिरी के माध्यम से प्रकाश चमकाकर या लेजर का उपयोग कर के बनाई जाती है।

चंपतराय बोले, पर्दा बंद रहने के समय धैर्य रखना होगा
राम जन्मोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि रामनवमी के दिन मंगला आरती के बाद प्रातः 3:30 बजे से रामलला का अभिषेक, शृंगार एवं दर्शन साथ-साथ चलता रहेगा।

शृंगार आरती प्रातः पांच बजे होगी, रामलला का दर्शन एवं सभी पूजा-विधि यथावत साथ-साथ चलती रहेंगी। भगवान को भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्प-काल को पर्दा रहेगा। ऐसी परिस्थिति के लिए उन्होंने श्रद्धालुओं से निवेदन किया कि पर्दा बंद रहने के समय धैर्य बनाये रखना होगा और इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए राम नाम संकीर्तन तथा प्रभु का भजन करते रहना उचित होगा। रात्रि 11 बजे तक दर्शन का क्रम पूर्ववत चलता रहेगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि 16, 17, 18 एवं 19 अप्रैल को रामलला के दर्शन एवं आरती के सभी पास निरस्त रहेंगे।

मिनट तक चलेगी सूर्य अभिषेक की प्रक्रिया
रामनवमी के अवसर पर प्रमुख मेला स्थलों और मंदिरों में तलाशी के बाद ही प्रवेश मिलेगा। इस संदर्भ में डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मेला स्थलों व मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाई जाए।

उन्होंने कहा कि जाम की स्थिति से निपटने के लिए संवेदनशील स्थलों की पहचान कर मौके पर अधिकारियों की तैनाती की जाए। धर्म गुरुओं व शांति समितियों की बैठकें आयोजित की जाए। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने और चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं।

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