नई दिल्ली। सरकार ने 81.35 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त देने से जुड़ी पीएमजीकेएवाई योजना को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया। अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों से पहले किए गए इस फैसले से सरकारी खजाने पर 11.80 लाख करोड़ रुपये का भार आएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को एक जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है। मंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में इस योजना पर करीब 11.8 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना को पहले 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ाया गया था।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ”लाभार्थियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए और लक्षित आबादी तक खाद्यान्नों को किफायती रूप से मुहैया कराते हुए खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया कि पीएमजीकेएवाई के तहत अगले पांच वर्षों के लिए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए।” पीएमजीकेएवाई को सरकार ने वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के समय राहत उपाय के रूप में लागू किया था।
इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत पांच किलोग्राम सब्सिडी वाली खाद्य सामग्री के अलावा प्रति लाभार्थी को हर महीने पांच किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है। कई बार इस योजना की अवधि बढ़ाए जाने के बाद दिसंबर, 2022 में पीएमजीकेएवाई योजना को मुफ्त राशन प्रदान करने वाले एनएफएसए के अधीन लाया गया।