वुजूखाने की सफाई की अनुमति देने के मस्जिद पक्ष के अनुरोध पर भी नहीं आया आदेश

वाराणसी। ज्ञानवापी में हुए सर्वे की रिपोर्ट पर बहस पूरी होने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने आदेश सुरक्षित रख लिया है। एएसआइ ने सर्वे रिपोर्ट बीते 18 दिसंबर को जिला जज की अदालत को सौंप दी थी। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से ज्ञानवापी के वुजूखाने की सफाई का आदेश देने के लिए दाखिल प्रार्थना पत्र पर भी जिला जज की अदालत से कोई आदेश नहीं आया।

एएसआइ ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की ओर से 1991 में पं. सोमनाथ व्यास व अन्य पक्षकारों की ओर से ज्ञानवापी में नए मंदिर निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार देने को लेकर सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा लंबित है।

अदालत फिर दे सकती है ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश
हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआइ को सर्वे रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत को सौंपने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि आवश्यक होने पर अदालत एक बार फिर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दे सकती है। इस आदेश के अनुपालन से पहले रिपोर्ट सार्वजनिक हो जाती है तो अफवाह फैल सकती है। इस कारण एएसआइ को ज्ञानवापी का दोबारा सर्वे में कठिनाई आ सकती है।

ज्ञानवापी में मुस्लिमों का प्रवेश रोकने, पूजा-पाठ का अधिकार देने की मांग को लेकर भगवान अविमुक्तेश्वर विराजमान की ओर से हिंदू सेना के अजीत सिंह व विष्णु गुप्ता द्वारा दाखिल मुकदमे की सिविल जज प्रशांत कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इस मुकदमे में कुलपति तिवारी ने पक्षकार बनने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।

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