आशियाना उगाने के लिए फलपट्टी क्षेत्र में उजाड़ा जा रहा है हरा भरा आम का बाग

  • हरियाली बढ़ाने वाला वन विभाग ही फलपट्टी की हरियाली का बना दुश्मन
  • उच्च न्यायालय ने फलपट्टी क्षेत्र में हरे आम के पेड़ों के काटने पर लगा रखी लगा,फिर भी कट हरे हरे आम के पेंड

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

बीकेटी फलपट्टी क्षेत्र में लकड़कट्टो के साथ साथ अब प्रापर्टी डीलर भी आवासीय योजना विकसित करने के लिए आम के बागों के दुश्मन बन गए हैं। वन विभाग,उद्यान विभाग की मिलीभगत से फलपट्टी क्षेत्र में एक के बाद एक हरे-भरे बागों उजाड़ा जा रहा है।जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से लगातार फल पट्टी क्षेत्र में आवासीय योजनाओं के लिए हरियाली नष्ट की जा रही है।जबकि उद्यान विभाग फलपट्टी क्षेत्र में हरियाली बरकरार रखने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये की योजनाएं संचालित कर रही है।वहीं अधिक धन कमाने की चाहत में वन विभाग हरे भरे आम के पेड़ो फल न देने योग्य बताकर लगातार हरे भरे फल योग्य पेंडो का परमिट जारी कर रहा है। ऐसा ही एक नजारा आज सीतापुर रोड पर स्थित फ़ौजी ढाबा नवीकोट नंदना में देखने को मिला।जहां पर विजय कुमार अग्रवाल पुत्र ओमप्रकाश अग्रवाल की सीतापुर से लगी आम की बाग़ प्लाट नंबर 185 मि. रकबा 1.2640 है।इस बाग के पीछे प्लाटिंग हो रही थी, लेकिन एलडीए ने नक्शा पास न होने के कारण उस प्लानिंग को सील कर दिया है।प्रापर्टी डीलरों ने इस आम की बाग़ में भी प्लाटिंग के उद्देश्य से दिखावे के लिए सिर्फ 30 पेड़ो का परमिट बनवाकर पूरी हरीभरी आम की बाग का सफाया कर रहें हैं।हरे आम के पेड़ों के कत्ल के बाद बाग में प्लाटिंग करेंगे। जबकि क्षेत्र क्षेत्र में बाग की भूमि पर आवासीय योजना विकसित करने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद भी धड़ल्ले से यह काम चल रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण फलपट्टी क्षेत्र में हर रोज आम के बाग काटे जा रहे हैं।


जबकि उच्च न्यायालय ने फलपट्टी क्षेत्र में हरे आम के पेड़ों के काटने पर रोक लगा रखी है।वकील जयंत सिंह तोमर द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 03 जनवरी 2014 को यह निर्णय मुख्‍य न्‍यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ और न्‍यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोरा की बेंच ने लिया था।जबकि उच्च न्यायालय ने राज्‍य सरकार से कहा था,कि वह सुनिश्चित करे कि न्यायालय द्वारा जारी आदेशों के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन हो और आम का कोई भी पेड़ अवैध ढंग से न काटा जाए। लेकिन फिर भी तहसील एवं जिला प्रशासन,उद्यान विभाग,वन विभाग,उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराने में गंभीरता नहीं दिखा रहे है।जिसके चलते यहां फलपट्टी क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग के लिए हरे भरे आम के बाग़ उजाड़े जा रहे हैं। लेकिन जब इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से बात करो तो उनका जवाब होता है कि हम लोग उद्यान विभाग की रिपोर्ट के आधार पर परमिट जारी करतें हैं।और जब उद्यान विभाग के अधिकारियों से बात करो तो वह कहते हैं हम लोग फलपट्टी क्षेत्र में हरे आम के पेड़ो को काटने की अनुमति नहीं देते हैं।ऐसे में क्या माना जाय जब लगातार फल पट्टी क्षेत्र में हरे भरे आम के बाग़ आवासीय योजनाएं विकसित करने के लिए लगातार उजाड़े जा रहे हैं।इससे यहां पर यही प्रतीत हो रहा है कि अधिक धन कमाने की चाहत में फलपट्टी क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने वाले दोनों विभाग ही हरियाली के दुश्मन बन गये हैं।

जिम्मेदार बोले
फलपट्टी क्षेत्र में आम के आलावा भी कोई हरा पेंड नहीं काटा जा सकता है।अगर प्लाटिंग के लिए हरा भरा आम का बाग उजाड़ा जा रहा है।तो मै अभी डीएफओ तत्काल पूंछता हूं कि आप हरे भरे फल देने योग्य आम के पेंडो की परमिशन क्यों दे रहें हैं।
बैजनाथ सिंह
जिला उद्यान अधिकारी
लखनऊ

जिम्मेदार बोले
आम के बाग को काटने की परमिशन उद्यान विभाग की रिपोर्ट के आधार पर दी गयी है।यदि बाग मालिक ने कोई तथ्य छुपाएं हैं तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
डा.रवि कुमार
डीएफओ लखनऊ

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