विपक्ष को मुकदमों से मुक्ति नहीं

अगले साल के लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस दिन कहा था कि अब चुनाव में सिर्फ चार सौ दिन बचे हैं उसी दिन से उलटी गिनती चल रही है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि चुनाव की तैयारी सिर्फ भारतीय जनता पार्टी या उसकी सहयोगी पार्टियां कर रही हैं। बाकी विपक्षी पार्टियां चुनाव तैयारियों से ज्यादा मुकदमों से निपटने में लगी हैं। कांग्रेस सहित विपक्ष की ज्यादातर पार्टियों के नेताओं के ऊपर किसी न किसी तरह का मुकदमा पहले चल रहा है या नया मुकदमा दायर किया जा रहा है। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश और बंगाल, झारखंड लेकर आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु तक तमाम बड़े विपक्षी नेता अदालतों और एजेंसियों के चक्कर लगा रहे हैं या लगाने वाले हैं।

अभी के समय में भाजपा के लिए सबसे मुश्किल प्रदेश बिहार है और इसलिए एजेंसियों की सबसे ज्यादा सक्रियता बिहार में है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के ऊपर जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिल गई है। चार अक्टूबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू की अदालत ने लालू प्रसाद के पूरे परिवार को हाजिर होने का समन जारी किया है। तेजस्वी पहले कह भी चुके हैं कि उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। उधर चारा घोटाले में लालू प्रसाद को मिली जमानत रद्द कराने के लिए सीबीआई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची है। लालू प्रसाद के परिवार की मुश्किल यही खत्म नहीं हो रही है। बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ गुजरात में मानहानि का मुकदमा चल रहा है, जिसमें 15 अक्टूबर को उनको हाजिर होने के लिए कहा गया है।

बिहार के बाद दूसरा मुश्किल राज्य झारखंड है, जहां 14 में से 12 लोकसभा सीटें भाजपा ने जीती है। वहां केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में जेएमएम और कांग्रेस दोनों के नेता फंसे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने चार बार समन जारी किया है। हालांकि इन चारों समन के जवाब में वे ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए। वे सुप्रीम कोर्ट राहत के लिए पहुंचे थे लेकिन सर्वोच्च अदालत ने उनको हाई कोर्ट जाने के लिए कहा। उन्होंने ईडी के समन को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इससे कुछ ही दिन पहले ईडी ने कांग्रेस के बड़े नेता और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री रामेश्वर उरांव से जुड़े कई परिसरों पर छापा मारा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी को पिछले दिनों हाई कोर्ट से थोड़ी राहत मिली, जब उच्च अदालत ने ईडी को उनकी गिरफ्तारी नहीं करने का आदेश दिया। लेकिन यह राहत बहुत ज्यादा दिन रहेगी, इसकी संभावना कम है। उधर तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ देश के कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी उनके खिलाफ एफआईआर के लिए याचिका दी गई है। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई के खिलाफ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी ने मानहानि का 10 करोड़ रुपए का मुकदमा दर्ज कराया है। जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी अभी तक राहत नहीं मिली है।

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