राजस्थान। राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री तय करने के लिए आज बीजेपी के तीन पर्यवेक्षक दिल्ली से जयपुर आ रहे हैं. यहां वे नवनिर्वाचित विधायकों के साथ सीएम फेस पर मंथन करेंगे और फिर पार्टी हाईकमान को रिपोर्ट सौपेंगे. लेकिन इस मीटिंग से पहले बाबा बालकनाथ ने एक ट्वीट करके राजस्थान में सियासी हलचल बढ़ा दी है.
राष्ट्र सेवा का दिया मौका
बाबा बालकनाथ ने एक्स पर लिखा, ‘पार्टी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बना कर राष्ट्र सेवा का अवसर दिया. चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजर अंदाज करें. मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है.’
कुर्सी को लेकर सियासी पारा हाई
सीएम की कुर्सी को लेकर राजस्थान का सियासी पारा हाई है. इस बार तिजारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ योगी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. बालकनाथ के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में भी सक्रियता बढ़ गई है. गुरुवार को उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की है, जिसके बाद से अटकलों का बाजार गरम हो गया है. हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम के चयन को लेकर पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है.
मठ की राजनीति में बड़ी भागीदारी
बाबा मस्तनाथ मठ नाथ संप्रदाय का बड़ा केंद्र है. इस मठ की राजनीति में बड़ी भागीदारी रही है. बाबा बालकनाथ मठ से तीसरे महंत हैं, जो राजनीति में सक्रिय हैं. वे सबसे पहले 2019 में अलवर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए थे. अब राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाबा बालकनाथ को तिजारा विधानसभा सीट से मैदान में उतरा है. महंत ने इस सीट पर कमल खिलाने के साथ ही वे सीएम पद के दावेदार हो गए हैं. उनके चुनाव प्रचार में आए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बाबा बालकनाथ को सीएम बनाने की पैरवी कर चुके हैं.