2047 के विकसित भारत का रोडमैप बनाने में जुटा नीति आयोग…

नई दिल्ली। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण को लेकर सरकार पूरी योजना के साथ आगे बढ़ने जा रही है। विकसित भारत के रोडमैप को तैयार करने की जिम्मेदारी नीति आयोग को दी गई है, जिस पर काम चल रहा है और राज्यों के साथ सभी स्टेकहोल्डर्स से भी गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।

अंतरिम बजट में मिल सकती है विकसित भारत की झलक
अगले साल फरवरी में पेश होने वाले अंतरिम बजट में विकसित भारत के रोडमैप की झलक मिल सकती है। रोडमैप के कई सुझावों पर अमल के लिए उसकी घोषणा बजट में हो सकती है। अभी भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 3.6 ट्रिलियन डालर से अधिक का है और वर्ष 2047 तक इस आकार को 30 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

बेसिक जरूरतों को किया गया पूरा
नीति आयोग का मानना है कि पिछले 9-10 सालों में बिजली, पानी आवास, गैस कनेक्शन, यातायात सुविधा, बैंक खाते जैसी बेसिक जरूरतों को कमोबेश पूरा कर दिया गया है और जल्द ही इस प्रकार की आधारभूत सुविधाएं देश भर में उपलब्ध हो जाएंगी।

भारत निम्न मध्य आय वर्ग वाला देश तो बन गया है, लेकिन चुनौती इस बात की है कि इसे विकसित कैसे बनाया जाए। आयोग के मुताबिक इस काम में राज्यों से भी सहयोग मांगा जा रहा है। सभी राज्यों को भी अपने-अपने राज्यों के लिए विजन डक्यूमेंट बनाने के लिए कहा जा रहा है।

विजन डक्यूमेंट में किन-किन बातों का रखा जाएगा ध्यान
वर्ष 2047 तक हमारे मकान कैसे होंगे, हमारी बिजली व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा कैसी होगी, देश में स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाएं कैसी होंगी और प्रशासनिक व्यवस्था कैसी होगी, जैसी तमाम सेक्टर को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत का रोडमैप बनाया जा रहा है।

टेक्नोलॉजी पर होगा फोकस
सूत्रों के मुताबिक, विकसित भारत के सभी ग्राम पंचायत में ऐसे हेल्थ सेंटर होंगे, जिनकी पहुंच टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर तक होगी। देश के सभी जिलों में मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल होंगे और वहां मरीजों के लिए एयर लिफ्टिंग की सुविधा होगी। भारतीय की औसत आयु 80 साल की होगी। इस प्रकार के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आयोग रोडमैप तैयार कर रहा है। वैसे ही, 2047 तक देश में कहीं भी झुग्गी बस्ती नहीं होगी।

मकानों का निर्माण ऐसे मैटेरियल से किया जाएगा, जिसके रखरखाव पर कोई खर्च न हो, कचरा न फैले। कोई बच्चा स्कूल ड्रॉप आउट नहीं होगा। छात्र अपनी मर्जी से ऑफलाइन, ऑनलाइन पढ़ाई कर सके। सभी भाषा में एक क्लिक पर चौबीसों घंटे बच्चों को पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध हो।

ऐसी व्यवस्था विकसित हो कि विपदा की स्थिति में एक भी व्यक्ति हताहत नहीं हो सके। आपराधिक जांच बिना किसी चूक के तेज गति से हो सके। हरेक व्यक्ति के सभी प्रकार के डाटा की सुरक्षा हो। विकसित भारत के निर्माण में टेक्नोलॉजी की सबसे अहम भूमिका होगी। इसलिए टेक्नोलॉजी में भारत को अव्वल रखने के लिए रोडमैप में विशेष फोकस होगा।

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