गोंडा। राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, इसका पता किसी को नही है। कुछ ऐसे ही घटनाक्रम बीते कुछ दिनों से जिले की राजनीति में भी हुए हैं। विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के राजनीतिक धुर विरोधी से लोकसभा चुनाव के दौरान दिखी जुगलबंदी राजनीति में नया गुल खिला सकती है। कैसरगंज से भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में हुई नामांकन सभा में भी कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला। राजनीतिक जानकार इसे नए समीकरण का संकेत बता रहे हैं।
कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में वैसे तो पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, लेकिन इस समय कर्नलगंज की चर्चा खूब हो रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक अजय प्रताप सिंह लल्ला भइया के स्थान पर अजय कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया था, इसके बाद राजनीति में एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे अजय प्रताप सिंह व पूर्व मंत्री सपा नेता योगेश प्रताप सिंह साथ आ गए थे।
अजय प्रताप सिंह के बेटे ने पूर्व मंत्री के लिए क्षेत्र में वोट भी मांगा था। जबकि, इस चुनाव में अजय कुमार सिंह के साथ कैसरगंज सांसद बृजभूषण सिंह खड़े रहे। चुनाव में अजय कुमार सिंह को जीत मिली। विधानसभा चुनाव के बाद से ही धीरे-धीरे राजनीति में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया। लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर भागदौड़ ने नई राजनीति को हवा दी।
27 मार्च को जब कैसरगंज सांसद ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से पूर्व विधायक अजय प्रताप सिंह लल्ला भइया को जन्मदिन की बधाई दी तो राजनीति के गलियारों में चर्चा तेज हो गई थी कि अब कर्नलगंज में कुछ नया होने वाला है। तीन मई को कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व बेटे करण भूषण सिंह के समर्थन में श्री रघुकुल विद्यापीठ में आयोजित नामांकन सभा में सांसद ने नए संकेत दिए।
मंच पर लल्ला भइया के बेटे कुंवर शारदेन मोहन सिंह को बुलाकर न सिर्फ परिचय कराया बल्कि, एक साथ होने का अहसास भी कराया। सांसद के साथ कुंवर शारदेन मोहन सिंह की फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही है, इसको लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने छोड़ा सपा का साथ
सपा के कर्नलगंज विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व मंत्री के करीबी गणेश पांडेय ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह जल्द भाजपा की सदस्यता लेंगे