नई दिल्ली। मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों के प्रवेश को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने 11 राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है। एनसीपीसीआर ने करीब एक साल पहले कार्रवाई की मांग की थी। इसमें कहा गया था कि मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों का प्रवेश संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन है।
इसमें कहा गया था कि अनुच्छेद शैक्षणिक संस्थानों को माता-पिता की सहमति के बिना बच्चों को किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि बाल अधिकार आयोग पिछले एक साल से लगातार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मदरसों में जाने वाले या रहने वाले हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम बच्चों की पहचान करने और उन्हें स्थानांतरित करने तथा दूसरे स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए कह रहा है।
आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान करके वहां नामांकित बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था करने के लिए भी कहा था। हरियाणा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को तलब किया है।
हरियाणा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिवों को 12 जनवरी को जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और गोवा के मुख्य सचिवों को 15 जनवरी को बुलाया गया है। झारखंड के मुख्य सचिव को 16 जनवरी को जबकि कर्नाटक और केरल के मुख्य सचिव को 17 जनवरी को बुलाया गया है। मध्य प्रदेश, मेघालय और तेलंगाना के मुख्य सचिव को 18 जनवरी को बुलाया गया है।
आयोग ने कहा, मदरसों में गैर मुस्लिम छात्रों का प्रवेश संविधान के अनुच्छेद 28(3) का उल्लंघन माता-पिता की सहमति के बिना बच्चे किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं