तिकोनिया से आवास विकास को जोड़ने वाली सड़क का नाम है ठंडी सड़क

हल्द्वानी : पेड़ हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण, मूल्यवान और आवश्यक हैं, क्योंकि वह हमें शुद्ध आक्सीजन देते हैं। पेड़ों और प्रकृति के संपर्क में आने से मानसिक थकान कम होकर एकाग्रता में मदद मिलती है।

हल्द्वानी की एक सड़क के किनारे वर्षों पहले लगाए गए अशोक के पौधे पल्लवित होकर पेड़ का रूप ले चुके हैं। यहां पेड़ों की छांव मिली तो सड़क का नाम ही ठंडी सड़क हो गया। शहर में विकास के नाम पर वर्षों पुराने पेड़ों की बलि चढ़ रही है।

पाकड़ के वर्षों पुराने पेड़ हटाने की तैयारी
रामपुर हाईवे पर देवलचौड़ से लेकर बेलबाबा तक और बरेली हाईवे पर गोरापड़ाव से लेकर पंतनगर तक सैकड़ों पेड़ों पर आरी चल चुकी है। वर्षों पहले लगाए पेड़ों का अब नाम निशान नहीं है। लोग इन पेड़ों के नीचे छांव लेते थे। इधर, नरीमन तिराहा व कालूसिद्द मंदिर के पास पाकड़ के वर्षों पुराने पेड़ हटाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

इन पेड़ों के ट्रांसप्लांट की बात हो रही है, लेकिन ट्रांसप्लांट होगा तो वह कितना कारगर होगा, यह समय बताएगा। पेड़ों का महत्व मनुष्य जीवन में कितना है, यह हमें हल्द्वानी की ठंडी सड़क पर दिखता है। इस रोड पर अशोक के पेड़ इतनी छांव देते हैं कि गर्मी का पता ही नहीं चल पाता।

तमाम दुकानदार व राहगीर राहत पाते हैं। इसके ठीक सामने नैनीताल रोड पर चलने वाले लोग भी संपर्क मार्ग के तौर पर ठंडी सड़क से आवाजाही करते हैं। ये पेड़ सड़क बनने के दौरान वर्षों पहले स्थानीय प्रशासन की ओर से लगाए गए थे। शहर के लोगों की मांग है कि इसी तरह अन्य सड़कों के किनारे भी पौधे लगाए जाएं, जिससे तपती गर्मी में राहत मिल सके।

डीएम की अनुमति पर सड़क किनारे पाकड़ के पुराने पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की तैयारी की जा रही है। हाईवे किनारे भी कुछ पौधे लगाए जाएंगे, ताकि लोगों को गर्मी में राहत मिल सके।

  • पारितोष वर्मा, एसडीएम

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