सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में केदारनाथ की महिमा सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रोतागण

फतेहपुर-बाराबंकी। श्रीमद्भागवत कथा का मानव जीवन में बड़ा ही महत्व है। इस कथा का श्रवण करने मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होने के साथ ही मन का शुद्धिकरण होता है। प्रत्येक मनुष्य को भागवत की संपूर्ण कथा का श्रवण करना चाहिए।
उक्त बातें सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक सुधाकर व्यास ने कही। कथा का आयोजन कस्बा सूरतगंज के हनुमान चौराहा पर आयोजित व्यास पीठ से अपने प्रवचन में श्रोताओं से कहा, कि श्रीमद् भागवत से भक्ति एवं भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है तथा जन्म जन्मांतर के सारे विकार नष्ट होते हैं। आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास पूजा-पाठ के लिए समय का अभाव हो गया है, जो कि सही नहीं है।

प्रतिदिन हमें अपनी व्यस्त दिनचर्या से प्रभु भक्ति के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। भागवत कथा सुनने से जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। इस कथा को सुनना, सुनाना और आयोजित करना, तीनों ही धर्म का कार्य है। उन्होने ईश्वर भक्ति में केदारनाथ, बद्रीनाथ की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा, कि वास्तव में भक्ति क्या है। भक्त को निरंतर भगवान का स्मरण व कीर्तन करना चाहिये। और कहा कि भक्ति के दो पुत्र हैं ज्ञान और वैराग्य यही नहीं देवाधिदेव आदिदेव महादेव भगवान का स्मरण मात्र ही मनुष्य के बड़े से बड़े कष्ट स्वत: समाप्त हो जाते हैं। वो कालों के महाकाल है वह भूतभावन दिगंबर हैं उनकी शरण में जाने वाला मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। शर्त यह है उनकी भक्ति पूर्ण समर्पण के साथ करे। इस मौके पर आयोजक राजेश कांत रस्तोगी, राकेश कांत रस्तोगी, रामकृष्ण, श्याम कृष्ण, सोमनाथ, सात्विक, अभय सहित बड़ी संख्या श्रोतागण उपस्थित रहे।

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