गेंहू का आढ़तों पर मिल रहा ज्यादा भाव,सरकारी केंद्रों पर नहीं जा रहे किसान

  • समर्थन मूल्य से बाजार भाव अभी अधिक है जिसके चलते लक्ष्य को पूरा कर पाना मुश्किल
  • 25300 मीट्रिक टन गेहूं खरीद का है लक्ष्य,लेकिन अब तक खरीद हुई सिर्फ 378 मीट्रिक टन
  • सरकार की ओर से गेहूं खरीद के लिए निर्धारित मूल्य 2275 रुपये लेकिन बाजार में बिक रहा 2300 रुपये प्रति कुंतल

अजय सिंह चौहान

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ। गेहूं का बाजार भाव किसानों को इस बार काफी भाने लगा है।इस बार मंडी में गेहूं का बाजार भाव 2300 रुपये पार कर गया है।किसान इससे काफी खुश हैं।सरकार की ओर से गेहूं खरीद के लिए निर्धारित मूल्य 2275 रुपये रखा गया है।लेकिन बाजार में भाव ज्यादा होने के चलते किसान व्यापारियों को ही अपना गेहूं बेच रहे हैं।आढ़ती घर से गेंहू की तौल करा रहे है। जिससे किसान सरकारी खरीद केंद्रों के चक्कर में नहीं पड़ना चाह रहे हैं।अभी तक ज्यादातर गेहूं खरीद केंद्र सूने पड़े हुए हैं।सरकार की ओर से हर जिले में गेहूं खरीद का एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन बाजार भाव ज्यादा होने के चलते सरकारी खरीद के भारी भरकम लक्ष्य को पूरा कर पाना आसान दिखाई नहीं दे रहा है।

बता दें कि पिछले साल जनपद में गेहूं खरीद का लक्ष्य 19000 मीट्रिक टन निर्धारित था।लेकिन सरकार ने सरकारी गेहूं खरीद के लक्ष्य को इस बार बढ़ा दिया है। लखनऊ में अब 25300 मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद की जाएगी।गेहूं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है।गेहूं की सरकारी खरीद इस वर्ष एक मार्च से शुरू हो चुकी है । इसके लिए लखनऊ में 45 गेहूं क्रय केन्द्र खोले गए हैं । इसमें से सबसे अधिक पीसीएफ के 31 केन्द्र स्थापित किए गए हैं । फिलहाल अभी तक इन केन्द्रों पर गेहूं की खरीद 378 मीट्रिक टन ही हुई है।जो लक्ष्य के अनुरूप काफी कम हुई।बीकेटी के रुदही गांव के किसान टिंकू सिंह व बीकेटी के किसान अशोक कुमार ने बताया कि इस बार गेहूं का बाजार भाव काफी अच्छा है।किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिल रहा है।जिसके चलते वह बिना झंझट के अपनी उपज को व्यापारियों को बेच रहे हैं।वहीं दूसरे किसान हरीश सिंह का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है।जिसके बाद उन्हें टोकन मिलता है।उपज की तौल कराने के लिए कई दिनों तक क्रय केंद्र और अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं।इस बार बाजार मूल्य इसी तरह रहा तो उन्हें कई परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा।वही किसान सतीश बाजपेई का कहना है,कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिले सरकार को इस दिशा में विशेष काम होना चाहिए।देखने में आया है कि बाजार की अपेक्षा सरकारी क्रय केंद्रों पर ज्यादा किसान आ नहीं आ रहे हैं। प्रशासन और सहकारिता विभाग के अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं,लेकिन सरकारी क्रय केंद्रों पर से सन्नाटा नहीं टूट रहा। बाजार में अधिक भाव होने के कारण सहकारिता विभाग किसानों से गेहूं नहीं खरीद पा रहा है।जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी निश्चल आनंद ने बताया कि इस बार सरकार गेहूं की एमएसपी में 150 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोत्तरी की है।संशोधित लक्ष्य के अनुसार रबी विपणन वर्ष 2024- 25 में 25300 एमटी गेहूं की खरीद की जाएगी।जोकि पिछले वर्ष के लक्ष्य की तुलना में 33 फीसदी अधिक है।उन्होंने यह भी बताया कि इस बार सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति कुंतल दे रही है।लेकिन बाजार में गेंहू का मूल्य 2300 रुपये चल रहा है।जिससे इस बार किसान क्रय केंद्रों की तरफ अपना रुख न कर वे अपना गेंहू बाजार में बेंच रहें हैं।जिससे क्रय केंद्रों पर इस बार खरीद न के बराबर है।

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