पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के शादी अनुदान योजना के बीते तीन वर्षों की होगी जांच

संयुक्त सचिव ने निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण को भेजा पत्र

बलिया। जिले में बीते माह सामूहिक विवाह में हुए फर्जीवाड़ा ने पूरे प्रदेश में असर डाला है। इसमें संलिप्त जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के वरिष्ठ लिपिक व शादी अनुदान पटल प्रभारी निलंबित किए जा चुके हैं। उधर, शासन ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से संचालित शादी अनुदान योजना के बीते तीन वर्षों की जांच कराने का निर्देश दिया है। पत्र वायरल होते ही विभाग में खलबली मची है। हालांकि अधिकारी अभी पत्र प्राप्त नहीं होने की बात कह रहे हैं।
पूर्व में शादी अनुदान योजना का संचालन समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से अलग-अलग किया जाता था। वर्ष 2017-18 में प्रदेश सरकार ने शादी अनुदान योजना को बंद कर दिया और इसके स्थान पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लागू किया। हालांकि वर्ष 2018-19 में शासन ने शादी अनुदान योजना को फिर लागू किया। लेकिन वर्ष 2020-21 में सरकार ने समाज कल्याण विभाग में शादी अनुदान योजना को बंद कर दिया लेकिन पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में यह योजना चलती रही। जिले में सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब सरकार की नजर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से संचालित शादी अनुदान को भी निशाने पर ले लिया है। शासन के संयुक्त सचिव संजय कुमार दूबे की ओर से निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निदेशक को भेजे पत्र में उल्लेख किया गया है कि शादी अनुदान योजना के तहत कुल 150 करोड़ का प्रावधान है जिसकी वित्तीय स्वीकृति निर्गत है।

संज्ञान में आया है कि योजना के तहत कुछ जनपदों में अपात्रों को लाभान्वित कराया जा रहा है तथा ऐसे लाभार्थियों जिन्हें वर्ष 2022-23 में लाभान्वित किया गया है उन्हें भी वित्तीय वर्ष 2023-24 में लाभान्वित कराया गया है। यह भी संज्ञान में आया है कि निर्धारित आय सीमा से अधिक आय वाले व्यक्ति को भी योजना से लाभान्वित कराया जा रहा है। ऐसे में शादी अनुदान योजना के तहत बीते तीन वर्षों का डाटा एनआईसी प्राप्त कर डाटा के सत्यापन व जांच के लिए अपने स्तर से टीमें गठित कर सत्यापन व जांच आख्या उपलब्ध कराएं। इस पत्र के वायरल होते ही विभाग में खलबली मच गई। हालांकि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी राजीव कुमार यादव ने बताया कि इस तरह का कोई पत्र अभी कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है। प्राप्त होने पर निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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