चौकी इंचार्ज व हल्का दरोगा को मिला सीयूजी नंबर
अब चौकी इंचार्ज व हल्का दरोगा की जिम्मेदारी होगी तय
चौकी इंचार्ज या हल्का के दरोगा से अब एसपी सीधे करेंगे बात
बलिया। जनपद में कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए थानाध्यक्षों की भांति सभी चौकी इंचार्ज एवं हल्का के दरोगाओं को सीयूजी नंबर अलाट किया गया है। यह सीयूजी नंबर थानाध्यक्षों की भांति जो भी पद पर तैनात रहेगा उसके पास रहेगा। इस सीयूजी नंबर पर कोई भी व्यक्ति बात कर सकता है और विवेचना की स्थिति भी जान सकता है। अब उसे थाने की चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं होगी। इससे जहां लोगों की समस्याओं का निदान होगा वहीं थानाध्यक्षों पर बढ़ रहे अतिरिक्त लोड भी कम होगा। यह जानकारी नवागत पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने दी।
आपको बता दें कि जनपद में 22 थाना अंतर्गत 118 चौकी एवं हल्का के दरोगा है। जिसमें 40 पुलिस चौकी एवं 78 हल्का दरोगा है। जिनके पास अब थानाध्यक्षों की भांति सीयूजी नंबर उपलब्ध रहेगा। इस सीयूजी नंबर पर कोई भी व्यक्ति बात कर सकता है और अपनी मुकदमा के विवेचना के बारे में जानकारी ले सकता है। इसके अलावा पुलिस अधीक्षक अब थानाध्यक्षों के बजाय अब सीधे चौकी इंचार्ज एवं हल्का के दरोगा से संबंधित विवेचना एवं हल्का के बारे में जानकारी लेंगे। बता दें कि एक दशक पूर्व चौकी इंचार्ज को सीयूजी नंबर नाम अलाट किया गया था। जिनके स्थानांतरण होने के बाद वह बंद हो गया। इसलिए अब यह सीयूजी नंबर किसी के नाम से अलाट नहीं होगा। अब यह सीयूजी नंबर जो भी चौकी या हल्का के दरोगा के पद पर तैनात होगा उसके पास होगा। आपको बताते चले की पहले सभी थानाध्यक्षों पर विवेचना से लेकर क्षेत्र में हुए वाद विवाद सहित कई अतिरिक्त लोड बढ़ जाता था।जिससे वह अपना काम समय से निस्तारण नहीं कर पाते थे और इसके लिए उन्हें डांट फटकार सुननी पड़ती थी। जबकि हल्का का दरोगा और बीट के सिपाही अपने-अपने क्षेत्र में मौज मस्ती करने का काम करते थे। जिनको नवागत पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने जिम्मेदारी सौंपते हुए अपने-अपने क्षेत्र में हुए वाद विवाद सहित सभी मामलों का निस्तारण करने का निर्देश जारी किया है। इस बाबत पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने बताया कि 40 चौकी इंचार्ज और 78 हल्का दरोगा को सीयूजी नंबर उपलब्ध कराया कर जा रहा है जिसमें से कुछ लोगों को दे दिया गया है आप कोई भी व्यक्ति सीधे शिवजी नंबर पर अपने मुकदमा से संबंधित विवेचना आदि की जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा थानाध्यक्ष की बजाय अब विवेचक व हल्के के दरोगा से सीधे पूछताछ की जाएगी और लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी तय की जाएगी।
अब नहीं कह पाएंगे विवेचक तीन दिन बाद हो जाएगा कार्य
बलिया। अब सभी थाना और चौकियों पर वाद विवाद की फाइल अलग से बनाकर रखी जाएगी। जिसमें एक सादा कागज भी रहेगा। जिस पर थाना व चौकी पर निरीक्षण करने पहुंचे क्षेत्राधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक आख्या लिखेंगे। इसके बाद लापरवाही बरतने वाले संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई तय की जाएगी। आपको बता दें कि अक्सर आपने देखा होगा कि जब क्षेत्राधिकारी थाने का निरीक्षण करने जाते हैं तो संबंधित विवेचक द्वारा यह कहा जाता है कि तीन दिन में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। फिर अपर पुलिस अधीक्षक जाते हैं तो उनके द्वारा पुनः तीन दिन की बात दोहराई जाती है। इसके बाद पुलिस अधीक्षक भी निरीक्षण करने जाते हैं तो तीन दिन बाद कार्य पूर्ण कर लेने की बात दोहराई जाती है। इस रिपोर्ट से यह पता चल जाएगा कि संबंधित व्यक्ति वास्तव में कार्य कर रहा है या नहीं । इसलिए बार-बार तीन दिन बाद कार्य पूरी कर लेने वाले लापरवाह को चिन्हित कर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्येक थाने में दो-दो क्रिमिनल मानिटर किए गए तैनात
बलिया। कानून व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए नवागत पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने प्रत्येक थाने में दो-दो क्रिमिनल मानिटर को तैनात किया है। यह क्रिमिनल मानिटर अपनी-अपनी थाना क्षेत्र के प्रत्येक गांव के प्रोफेशनल चोर, लुटेरे तथा अपराधियों के घर पर जाकर पता लगाएंगे की वह कहां पर है। इसके अलावा उनसे मोबाइल पर भी संपर्क कर वह कहां पर है उसके बारे में जानकारी लेंगे। इसके बाद मॉनिटरिंग सेल को प्रतिदिन की रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।