लखनऊ। उप्र पुलिस में लिपिक संवर्ग में संविदा पर भर्ती के प्रस्ताव से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विभागीय गलती से जारी हुए पत्र के कारण पुलिस की खूब किरकिरी हुई। वरिष्ठ अधिकारियों को वायरल पत्र को लेकर सफाई देनी पड़ी।
डीजीपी मुख्यालय ने स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों काे आउटसोर्सिंग पर रखे जाने की व्यवस्था है। इसे लेकर पत्र जारी किया जाना था, लेकिन त्रुटिवश लिपिक संवर्ग की संविदा पर भर्ती के विचार संबंधी पत्र जारी हो गया।
वरिष्ठ अधिकारियों ने लिया संज्ञान
पत्र डीआईजी स्थापना की ओर से सभी शाखाओं के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया था, जिसमें लिपिक संवर्ग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती को लेकर सुझाव मांगे गए थे। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया, जिस पर पुलिस विभाग ने देर रात अपनी सफाई दी और बताया कि पत्र को निरस्त कर दिया गया है। यह भी कहा गया कि ऐसा कोई प्रकरण पुलिस विभाग व शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है।