सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना गया है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण शनिवार 14 अक्टूबर को लगने वाला है। सूर्य ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके लिए ज्योतिष सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ काम न करने के सलाह देते हैं। साथ ही गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की हिदायत देते हैं। लापरवाही करने से जच्चा और बच्चा दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ज्योतिषियों की मानें तो साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके लिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसके बावजूद सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानी अवश्य बरतें।
इन बातों का रखें ध्यान
- सूर्य ग्रहण के दौरान घर के अंदर ही रहें।
- ग्रहण को नंगी आंखों से न देखें। गर्भवती महिलाएं तो भूलकर भी सूर्य को न देखें।
- सूर्य ग्रहण के दौरान सोने से परहेज करना चाहिए।
- सुई, कैंची, चाकू आदि जैसी नुकीली वस्तुओं के इस्तेमाल से बचें।
- कोई भारी समान न उठाएं और न ही कोई जोखिम वाला कार्य करें।
- ग्रहण के दौरान भोजन न खाएं न ही पकाएं। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान भोजन दूषित हो जाता है। ग्रहण के समय भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती हैं। हालांकि, भारत में सूतक मान्य नहीं है। अत: बच्चे और वृद्ध बीमार व्यक्ति ग्रहण के समय भोजन कर सकते हैं।
- ग्रहण के दौरान या उससे पहले अपने बालों या शरीर पर तेल न लगाएं। इससे राहु का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- ग्रहण के समापन के बाद गर्भवती महिलाएं स्नान-ध्यान कर देवी देवताओं की विधिवत पूजा करें। साथ ही नवजात शिशु के स्वास्थ्य हेतु अन्न का दान अवश्य करें।