मणिपुर से 14 जनवरी को शुरू हो रही भारत जोड़ो यात्रा अरुणाचल समेत 15 राज्यों से गुजरेगी यह यात्रा

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती के बीच मणिपुर से 14 जनवरी को शुरू हो रही राहुल गांधी की पूरब से पश्चिम भारत की यात्रा को कांग्रेस ने अब ”भारत जोड़ो न्याय यात्रा” का नाम देने का फैसला करते हुए सहयोगी आइएनडीआइए गठबंधन के नेताओं को भी इसमें शामिल होने का न्योता दिया है।

मणिपुर से मुंबई तक 6713 किलोमीटर से अधिक लंबी यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश समेत 15 राज्यों के 110 जिलों और 100 से अधिक लोकसभा तथा 337 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी। न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी सबसे अधिक 11 दिन उत्तरप्रदेश में बिताएंगे जहां 1074 किमी की उनकी यात्रा 20 जिलों से होकर गुजरेगी।

इन रास्तों से होकर गुजरेगी यात्रा
राहुल की यात्रा का उत्तरप्रदेश में प्रवेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होगा और प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, आगरा, अलीगढ होते हुए राजस्थान के धौलपुर में प्रवेश करेगी। राहुल गांधी की यात्रा अपने परिवार की परंपरागत राजनीतिक कर्मभूमि रायबरेली और अमेठी से होकर भी गुजरेगी।

न्याय यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा का विस्तार
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि न्याय यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा का विस्तार है जिसमें राहुल गांधी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय पर पार्टी के ²ष्टकोण को जनता के बीच ले जाएंगे। वहीं यात्रा का नाम बदले जाने के सवाल पर रमेश ने कहा कि खरगे समेत बैठक में भाग लेने वाले सभी नेताओं ने एक सुर में राय जाहिर की कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता ने इसे अपने आप में एक ब्रांड बना दिया है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई थी कि इसका मूल्य खत्म नहीं होना चाहिए। इसीलिए इसे भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नाम दिया गया है और इस सप्ताहांत इसका थीम सांग और लोगो जारी कर दिया जाएगा।

मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होगी यह यात्रा
मणिपुर की राजधानी इंफाल से शुरू होकर यह यात्रा नगालैंड, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिसा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात होते हुए महाराष्ट्र तक जाएगी। राहुल की 67 दिनों की इस यात्रा का समापन 20-21 मार्च को मुंबई में होगा जहां पार्टी एक बड़ा आयोजन करेगी। न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी झारखंड में आठ दिन, बिहार में चार, बंगाल में पांच, मध्यप्रदेश में सात, छत्तीसगढ में पांच और गुजरात में छह दिन रहेंगे।

यात्रा के लिए चार बसें होंगी
उत्तरप्रदेश के बाद मध्यप्रदेश में यात्रा की दूरी सबसे लंबी होगी जहां राहुल 700 किमी का सफर तय करेंगे। भारत जोड़ो यात्रा जहां पूरी तरह पदयात्रा थी वहीं न्याय यात्रा में राहुल रोजाना सात-आठ किमी पैदल चलेंगे और बाकी का सफर बस से होगा। इस हाइब्रिड यात्रा के दौरान हालांकि राहुल और उनके साथ चलने वाले नेता रात्रि विश्राम कंटेनर में ही करेंगे। यात्रा के लिए चार बसें होंगी जिसमें एक बस राहुल की होगी और इसमें 20-25 नेताओं के बैठने की व्यवस्था होगी। अरुणाचल से यात्रा के गुजरने को लेकर उठाए गए संशयों को खारिज करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि बिल्कुल राहुल देश के इस महत्वपूर्ण राज्य को यात्रा के दौरान कवर करेंगे।

इंफाल में सोनिया गांधी के भी मौजूद रहने की संभावना
हालांकि इस यात्रा में भारत जोड़ो यात्री नहीं होंगे बल्कि स्थानीय नेताओं को जगह मिलेगी। इंफाल में न्याय यात्रा शुरू होने के मौके पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी मौजूद रहने की संभावना है। कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस मौके पर रहेंगे। मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के दौरान जिन राज्यों से यात्रा गुजरनी है वहां की प्रदेश इकाईयों को इसकी कामयाबी के लिए हर कदम उठाने और आम लोगों को जोड़ने का विशेष निर्देश दिया।

‘भारत जोड़ो यात्रा देश की राजनीति में परिवर्तनकारी साबित हुई’
जयराम ने यात्रा में आइएनडीआइए के पार्टियों, नागरिकों संगठनों, आमलोगों को शामिल होने का न्यौता देते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी की भारत जोड़ो यात्रा देश की राजनीति में परिवर्तनकारी साबित हुई और न्याय यात्रा का लक्ष्य भी यही है। आइएनडीआइए के नेताओं के शरीक होने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इंफाल से लेकर जहां कहीं जो भी सहयोगी नेता चाहें वे यात्रा में शामिल हो सकते हैं।

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