हमीरपुर : सुमेरपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत बड़ागांव में पंचायत सचिव द्वारा कंसलटिंग इंजीनियर से मिलीभगत करके बगैर कार्य कराये लाखों रुपए का भुगतान करने की ग्रामीणों की शिकायत पर गांव पहुंची जांच टीम को मौके पर एक कार्य पूरा मिला जबकि एक अधूरा व दो कार्य नहीं मिले हैं और न ही कोई सामग्री मौके पर मिली है। भुगतान की जानकारी पर ग्राम प्रधान ने इंकार किया है। जांच टीम रिपोर्ट तैयार करके बीडीओ को सौंपने की तैयारी कर रही है।
बड़ागांव निवासी रमेश निषाद व दुर्वेश पाल ने खंड विकास अधिकारी गोपाल यादव को गत पांच जनवरी को शिकायत सौंपकर आरोप लगाया था कि गांव में बारेलाल के दरवाजे से मनफूल के दरवाजे तक 59 मीटर सीसी मार्ग के लिए ढाई लाख का एस्टीमेट तैयार कराकर बगैर कार्य कराए एक लाख 43 हजार 231 रुपए का भुगतान कर लिया गया है। इसी तरह जागेश्वर के दरवाजे से शिवबरन सिंह के मकान तक 45 मीटर सीसी बनाने के लिए करीब 2 लाख का एस्टीमेट बनाकर बिना कार्य कराए 99 हजार 507 रुपए का भुगतान कर दिया है। इसी तरह गंगाचरन साहू के फाटक से बीरन यादव के मंदिर तक 84 मीटर सीसी मार्ग बनाने के लिए तीन लाख 72 हजार का एस्टीमेट बनाकर दो लाख आठ हजार 760 का भुगतान कर लिया गया है। ग्रामीणों की शिकायत पर खंड विकास अधिकारी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर रिपोर्ट तलब की थी। बुधवार को एडीओ आईएसबी जगदंबा प्रसाद, प्रभारी एडीओ पंचायत मनीष कौशिक, जेई एमआई महेश चंद्र जांच के लिए गांव पहुंचे। ग्राम प्रधान हरदौल निषाद को मौके पर बुलाकर टीम ने जांच शुरू की। जांच टीम को बारेलाल के दरवाजे से मनफूल के दरवाजे तक तथा जागेश्वर के दरवाजे से लेकर शिवबरन सिंह के दरवाजे तक किसी तरह का निर्माण नहीं मिला है और न ही मौके पर किसी तरह की सामग्री मिली है। जबकि गंगाचरन साहू के फाटक से वीरन यादव के मंदिर तक महज एजिंग ही बनी मिली। सामग्री कुछ नहीं मिली। टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार करके बीडीओ को सौंपने की तैयारी कर ली है। ग्राम प्रधान हरदौल निषाद ने कहा कि उन्हें गंगाचरन साहू के दरवाजे से वीरन यादव के मंदिर तक सीसी निर्माण के साथ निर्भय के दरवाजे से सुरेश के दरवाजे तक सीसी निर्माण के भुगतान की जानकारी है। इसके अलावा पंचायत सचिव ने क्या किया है उन्हें पता नहीं। पंचायत सचिव ओमप्रकाश प्रजापति ने बताया कि 70 फीसदी सामग्री का भुगतान कर कार्य कराये जा रहे है। एक सीसी बन चुकी है, दूसरी निर्माणाधीन है। सामग्री मौके पर मौजूद है। कंसलटिंग इंजीनियर अनूप सोनी ने बताया कि उन्हें दो सीसी के भुगतान की जानकारी है। दो कार्यों के भुगतान की खबर नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि वह ओडीएफ प्लस पंचायत में कार्य के लिए अधिकृत हैं। लेकिन बड़ागांव पंचायत ओडीएफ प्लस नहीं है। यहां कैसे कार्य कर रहे हैं तो वह जवाब नहीं दे सके।