नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर में अदाणी पोर्ट एंड इकोनॉमिक जोन ने बीते दिन दो साल में पहली बार बांड मार्केट में प्रवेश किया है। इसके बाद कंपनी की मांग में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करना होगा। अब अदाणी ग्रुप को सेबी के मौजूदा जांच से गुजरने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में जनवरी 2023 में जारी हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कंपनी को राहत मिली है। दरअसल, पिछले साल कंपनी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
कंपनी ने बांड में किया इतना निवेश
अदाणी पोर्ट ऑपरेटर ने दो सूचीबद्ध बांड में निवेश किया है। कंपनी ने कुल मिलाकर 500 करोड़ रुपये का निवेश के लिए बोलियां दी है। यह बांड 5 साल में मैच्योर हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर 10 साल में यह बांड 7.80 फीसदी और 7.90 फीसदी तक मैच्योर होगा।