किसान आंदोलन के चलते कारोबारियों पर पड़ रहा भरी असर…

अमृतसर। किसानों के विरोध प्रदर्शन की कारोबार पर भी मार पड़ रही है। सिर्फ पंजाब, जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हो रहा है। अकेले पंजाब को 800 से 1000 करोड़ रुपये रोजाना का नुकसान उठाना पड़ रहा है। चिंतित कारोबारियों ने सरकार से अपील की है कि जल्द समाधान निकाला जाए ताकि नुकसान रोका जा सके।

पंजाब व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्यारे लाल सेठ एवं महासचिव समीर जैन ने कहा, अगर इसी तरह अर्थव्यवस्था पर चोट लगती रही तो देश की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो जाएगी। लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष अमित कपूर ने कहा, 90 प्रतिशत से अधिक माल सड़क मार्ग से ही पंजाब में पहुंचता है। ट्रकों की आजाही प्रभावित होने से कारोबारियों को माल की किल्लत महसूस होने लगी है। जरूरी दवाइयां अन्य राज्यों से नहीं पहुंच पा रही हैं।

इंडस्ट्री के पास दस दिन का ही है कच्चा माल
लुधियाना का उद्योग जगत भी चिंतित है। फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन के पूर्व अध्यक्ष एवं लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि कच्चे माल की आमद न होने से इंडस्ट्री की प्रोडक्शन बंद हो जाएगी। इस समय मैटीरियल को लाना और ले जाना सबसे बड़ी चुनौती है। इंडस्ट्री के पास अगले 10 दिन का ही कच्चा माल है।

एवन साइकिल लिमिटेड के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा के मुताबिक, पिछले तीन-चार दिनों से स्थिति विकराल हो रही है। ऐसे में एहतियात के तौर पर अभी कंपनी की प्रोडक्शन को तीस प्रतिशत कम कर दिया गया है, क्योंकि अगर ज्यादा स्टाक हुआ तो लेबर को काम के बिना ही बैठना पड़ेगा। लुधियाना ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान जनकराज गोयल ने कहा कि ट्रांसपोर्टेशन पर असर अधिक है। समय और खर्च दोनों बढ़ गया है।

मुश्किल में दिल्ली का पर्यटन उद्योग, होटलों की बुकिंग में 40 प्रतिशत तक गिरावट
किसानों के दिल्ली कूच से दिल्ली का पर्यटन उद्योग मुश्किल में आ गया है। न सिर्फ होटल के कमरों की बुकिंग में गिरावट आई है, बल्कि पहले हो चुकी बुकिंग को भी निरस्त किया जाने लगा है। इसमें देशी–विदेशी दोनों पर्यटक हैं। दिल्ली में पर्यटन से जुड़े लोगों के अनुसार किसानों के दिल्ली कूच करने और उन्हें रोकने के लिए बार्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था से बाकी राज्यों से दिल्ली का सड़क मार्ग प्रभावित हो गया है।

पर्यटकों की मौजूदगी बमुश्किल 30 प्रतिशत
जाम और असुरक्षित हालातों से बचने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। होटल महासंघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार अगर पहाड़गंज को ही लें, तो यहां 700 से अधिक होटलों में 14 हजार से अधिक कमरे हैं, जिसमें एक दिन में तकरीबन 25 हजार लोग रुक सकते हैं। अमूमन यहां के होटलों के कमरे 80 से 90 प्रतिशत तक भरे रहते हैं, लेकिन दो-तीन दिन से बुकिंग पूरी तरह से बंद हैं। इस स्थिति में कमरों में पर्यटकों की मौजूदगी बमुश्किल 30 प्रतिशत रह गई है।

हिमाचल में उत्पादन प्रभावित
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) में उद्यमियाें ने उत्पादन कम कर दिया है। औद्योगिक क्षेत्र से दिल्ली की तरफ जाने वाले ट्रकों को कई रूट बदलने पड़ रहे हैं। इससे ट्रक आपरेटरों को नुकसान हो रहा है।

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