सपा विधायक इरफान सोलंकी की अवैध और बेनामी संपत्तियों की हो रही जांच, और बढ़ेंगी मुश्किलें…

कानपुर। सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की अवैध और बेनामी संपत्तियों की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनको पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने का फैसला किया है।

ईडी सोमवार को रिमांड के लिए अदालत में आवेदन कर सकती है। ईडी के इस फैसले के बाद ऐसी संभावना है कि आने वाले दिनों में सपा विधायक की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने गुरुवार को सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके परिवार के अलावा करीबी बिल्डर हाजी वसी और बिल्डर शौकत पहलवान के कानपुर और मुंबई में छह ठिकानों पर छापेमारी की थी।

उसमें टीम को 26 लाख रुपये की नकदी, डिजिटल उपकरण, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि आय नहीं बढ़ी, लेकिन विधायक की संपत्तियों में 282 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

बनाई थी कई नकली संस्थाएं
संपत्तियों की पड़ताल में पता चला कि अवैध और बेमानी संपत्तियों को वैध व्यावसायिक रूप देने के लिए विधायक ने कई नकली व्यवसायिक संस्थाएं बनाई थी। हमराज कांस्ट्रक्शन उनमें से एक है।

बैंक खाते की जांच में पता चला है कि पांच वर्षों (वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2022-23) के बीच नकद और हस्तांतरण दोनों के माध्यम से करीब साढ़े 12 करोड़ का लेनदेन हुआ है, जबकि आयकर में सिर्फ छह लाख रुपये प्रति वर्ष की आय घोषित की गई।

सपा विधायक ने जाजमऊ में दस करोड़ रुपये कीमत का घर भी बनाया। ईडी को जो दस्तावेज मिले, उसमें 40 से 50 करोड़ रुपये कीमत की वैध और बेनामी संपत्तियां हैं। मुम्बई में भी पांच करोड़ से ज्यादा की संपत्ति निवेश की जानकारी सामने आई है।

ईडी अधिकारियों के मुताबिक इसके अलावा शौकत पहलवान व हाजी वसी के यहां से भी तमाम संपत्तियों का ब्यौरा मिला है। विशेष रूप से रियल इस्टेट कंपनी हमराज कंस्ट्रक्शन के जरिए विधायक और उसके करीबियों ने करोड़ों रुपये बनाए हैं। ऐसे में ईडी ने सपा विधायक इरफान सोलंकी को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने का फैसला किया है।

पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान विधायक का सामना बिल्डर हाजी वसी और शौकत पहलवान के साथ उसकी बेटी नूरी शौकत से कराया जाएगा। ईडी को आशंका है कि शौकत और वसी ने जो संपत्तियां खरीदी या बेची उनमें विधायक का बड़ा हिस्सा था।

और बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अगर यह गठजोड़ साबित हो गया तो विधायक की मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ेंगी। ईडी को इससे जुड़े कुछ दस्तावेज मिले हैं और इसी वजह से वह विधायक का करीबी बिल्डरों से आमना सामना कराना चाहती है।

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