राष्ट्रीय ब्राह्मण एकता महासम्मेलन में संस्कारों और तपस्या को पुष्पित पल्लवित करने पर हुई चर्चा- पं. गिरीशपति त्रिपाठी
इस मंच के पीछे के जो विचार हैं वह सराहनीय हैं-पं. गिरीशपति त्रिपाठी
ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के संयोजन में अमेठी में लगा ब्राह्मणों का महाकुंभ
समाज को दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों से मुक्त कराना हमारा उद्देश्य- दिनेश तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच
अमेठी। रविवार को अमेठी के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय ब्राह्मण एकता महासम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के संयोजन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अयोध्या नगर निगम के महापौर पंडित गिरीशपति त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती व भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया गया। ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा प्रमुख रूप से दहेज प्रथा का समापन, नशामुक्त समाज का निर्माण, ब्राह्मण एकता , सनातन धर्म का उत्थान , ऊँच-नीच के भेदभाव को समाप्त करते हुए राष्ट्रभक्ति का संचार करने का प्रयास संगठन द्वारा किया जा रहा है। साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने सरकार से मांग किया है कि भगवान परशुराम जयंती के दिन सार्वजनिक अवकाश होना चाहिए, नई दिल्ली, लखनऊ तथा अमेठी में भगवान परशुराम के भव्य प्रतिमा का निर्माण किया जाना चाहिए और कम से कम देश और प्रदेश की राजधानी नई दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में एक चौराहे का नाम भगवान परशुराम के नाम पर घोषित किया जाना चाहिए। कार्यक्रम को पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश मिश्र मटियारी ने संबोधित करते हुए कहा की सुदामा के रूप में ब्राम्हण स्वाभिमान एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने आज सबको यहां एक संकल्प के साथ बुलाया है। संकल्प में बहुत ताकत है और यह अभियान एक दिन अवश्य सफल होगा। उन्होंने कहा कि ब्राम्हण एक जाति नही बल्कि विचारधारा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अयोध्या के महापौर पंडित गिरीशपति त्रिपाठी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की आज का यह कार्यक्रम ब्राह्मणों के संस्कारों को पल्लवित और पुष्पित करने के उद्देश्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर पूरे देश को मिल गया है। हमारा मंदिर मिल गया है। आज यहां पर संस्कारों और तपस्या की बात हो रही है। दहेज मुक्त समाज कैसे निर्मित हो इसकी बात हो रही है। समाज में कैसे संवेदना बढ़े इसकी बात हो रही है। इसलिए इस मंच के पीछे के जो विचार हैं वह सराहनीय हैं। हमने अपने स्वाध्याय से, अपनी तपस्या, से सदैव समाज के हर वर्ग का कल्याण किया है। भारत में तपस्वी ब्राह्मणों की एक श्रृंखला है जिन्होंने मानव कल्याण के लिए त्याग और तपस्या से काम किया। आज भी अगर भारत विश्व गुरु बनने की बात करता है तो जिसके पीछे कहीं ना कहीं ब्राह्मणों के संस्कार और तपस्या का संकल्प का बल है। मानवता के कल्याण की अगर बात की जाए तो आज भी हमे वेद की शरण में जाना पड़ेगा। भगवान श्रीराम सबके जीवन में पधारें, सब का कल्याण हो, ऐसी कामना इस मंच के माध्यम से कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित गिरीशपति त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व जिला जज रामनरेश मिश्रा ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम को शिव प्रकाश मिश्रा सेनानी, उमाशंकर मिश्र , धर्मेंद्र शुक्ला, उत्तराखंड से आए विशाल शर्मा, इंदु प्रकाश पाठक, वीके मिश्रा, अखिल भारतीय चाणक्य परिषद के संरक्षक कृपा निधान तिवारी, आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ केसरी शुक्ला और ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिरुद्ध मिश्रा ने किया। इस दौरान ब्राह्मण स्वाभिमान एकता मंच के जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र मिश्रा सहित संगठन सभी पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में कार्यक्रम में लोग उपस्थित रहे।