![](https://nishpakshpratidin.com/wp-content/uploads/2023/10/WhatsApp-Image-2023-10-19-at-12.46.46-PM.jpeg)
आंध्र प्रदेश सरकार 15 नवंबर के आसपास पिछड़ा वर्ग जाति जनगणना शुरू करेगी। राज्य के मंत्री सी श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा ने बुधवार को यह बात कहीं। पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री कृष्णा ने कहा कि इसका उद्देश्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में आने वाले 139 समुदायों की संख्या पता लगाकर विभिन्न क्षेत्रों में उचित प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराना है। कृष्णा ने कहा, 15 नवंबर से जातिगत जनगणना शुरू होगी।
पिछड़ी जाति की जनगणना के लिए स्वयंसेवी प्रणाली के साथ-साथ ग्राम सचिवालय प्रणाली का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य में लगभग 139 पिछड़े वर्ग की जातियां हैं और इन समुदायों के लोग अपनी संख्या बल से अनजान हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के समुदायों को भी विभिन्न क्षेत्रों में उनके प्रतिनिधित्व के स्तर का पता नहीं है और जनगणना इन पहेलियों को हल करेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वाइएस जगन मोहन रेड्डी ने 11 अप्रैल को विधानसभा का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था जिसमें जनसंख्या जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना भी करने के लिए कहा गया था। लेकिन पता चला कि यह निकट भविष्य में नहीं होगा। राज्य सरकार ने अब पिछड़े वर्ग की जाति जनगणना के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है।