लखनऊ: सीएम ने बताया कि 30 करोड़ श्रद्धालु धार्मिक पर्यटन के लिए यूपी आए। असंभव आज संभव हो रहा है। यह कार्य निरंतर आगे बढ़ना चाहिए। प्रदेश सरकार ने इसे बढ़ाने के लिए अनेक कार्य किया। जहां पहले गोलियां चलती थीं, वहां आज एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में सरकार बना रही है। जहां छोटी-मोटी बातों को लेकर आंदोलन होते थे, वहां पूर्वांचल व बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का कार्य सरकार कर चुकी है। मध्य से पूरब को, राष्ट्रीय राजधानी को बुंदेलखंड व पश्चिम को पूरब से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण समेत डिफेंस कॉरीडोर में हो रहे निवेश नए अवसर के द्वार खोलेंगे।
अगले एक साल तक होगा ऑनलाइन व ऑफलाइन पंजीकरण
सीएम ने कहा कि यूपी के 96 लाख एमएसएमई उद्यमी हैं। लगभग 97 फीसदी सूक्ष्म थे। 5 करोड़ से कम की पूंजी जिनके उद्यम लगी थी। वार्षिक टर्नओवर 40 लाख से कम है। 40 लाख से अधिक का टर्नओवर, जिन्होंने जीएसटी में पंजीकरण कराया है, उन्हें पहले से ही 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर सरकार ने कर रखा है। उन्हें जीएसटी से दुर्घटना व 100 फीसदी दिव्यांगता की स्थिति आने पर 10 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा उपलब्ध करवाते हैं। यह सेक्टर यूपी की पहचान था। हालांकि अभी मात्र 27 लाख ने पंजीकरण कराया, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। श्रम विधा के माध्यम से सामान्य कारीगरी से जुड़े लोगों को कवर किया। बचे लोगों को पहली बार पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर 90 लाख एमएसएमई उद्यमियों को प्राप्त होगा। अगले एक साल तक ऑनलाइन व ऑफलाइन पंजीकरण भी होगा। ओडीओपी में हम लोगों ने 75 जनपदों के लिए 75 उत्पाद चयनित किए। यह कार्य सरकार से जमीन नहीं लेती, बल्कि अपने घर-आंगन से इन कारोबारों को बढ़ाता है। हम लोगों ने एमएसएमई उद्यमियों से अपील की कि पलायन करने वालों की हम स्किल मैपिंग करा रहे हैं। 40 लाख लोगों को अपने जनपद व गांवों में कार्य मिला। सीएम ने तत्काल पंजीकरण कराने का भी आह्वान किया।
ओडीओपी व विश्वकर्मा श्रम सम्मान को देश में मिली मान्यता
सीएम ने कहा कि 2018 में जब पहले स्थापना दिवस पर यूपी सरकार ने ओडीओपी को आगे बढ़ाया। 2019 में दूसरे स्थापना दिवस पर हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रारंभ की। दोनों योजनाओं को देश के अंदर मान्यता मिली। विश्वकर्मा श्रम सम्मान के अंतर्गत परंपरागत कारीगरों को सम्मान देने के साथ ट्रेनिंग व टूल किट की व्यवस्था, आत्मनिर्भरता के माध्यम से बापू के ग्राम स्वराज की कल्पना को आगे बढ़ाया जा रहा है। सीएम ने विश्वास जताया कि सहारनपुर का वुडेन वर्क हो या मुरादाबाद की पीतल कारीगरी, फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग हो या लखनऊ की चिकन कारीगरी, इसे दुनिया में छाने में देर न लगेगी। अभी भले ही ऑर्डर के अनुरूप सप्लाई नहीं कर पा रहे पर इसे और अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। हमारे हस्तशिल्पियों में यह क्षमता है कि इससे दुनिया और तेजी से हमारी तरफ आकर्षित हो।
नागपंचमी हर व्यक्ति के अंदर छिपी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक
नागपंचमी पर्व शुभकामनाएं देते हुए सीएम योगी ने कहा कि नागपंचमी जीव-जंतु व प्रकृति के प्रति प्रेम व अनुराग का पर्व है, लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से हर व्यक्ति के अंदर छिपी आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक भी है। उद्यमी उस शक्ति को समेटकर अपनी अद्भुत कृति से समाज व देश के सामने अपने पुरुषार्थ को प्रकट करता है तो सफल उद्यमी के रूप में उसकी गिनती होती है। विश्व उद्यमिता दिवस व नागपंचमी का यह अद्भुत संयोग है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद, सचिव प्रांजल यादव आदि मौजूद रहे।
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सीएम ने दिया चेक
सीएम ने झांसी के सिद्धार्थ आनंदानी, अशोक आनंदानी को 2.49 करोड़ का चेक दिया। और उपायुक्त उद्योग मनीष चौधरी को प्रशस्ति पत्र दिया। यह परियोजना 10.52 एकड़ की होगी। इसमें 11 भूखंड होंगे।
संभल से विकासकर्ता भुवनेश कुमार वाषर्णेय, मुकेश कुमार को चेक दिया। संयुक्त आयुक्त उद्योग योगेश कुमार को प्रशस्ति पत्र दिया। इस परियोजना में 151 भूखंड होंगे।
हापुड़ से अरुण धीर व चरणजीत लाल धीर को 3.07 करोड़ का चेक दिया। इस परियोजना का आकार 12.28 एकड़ है। इसमें 35 भूखंड होंगे। उपायुक्त उद्योग शैलेंद्र सिंह ने प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।