वन विभाग की मिली भगत से सरकारी जंगल का हो रहा सफाया। वनों के रक्षक ही बने भक्षक।

तिलोई अमेठी। वन रेंज क्षेत्र अन्तर्गत टिकरी बीट में वन विभाग के रक्षक और वाचरो की मिली भगत से सरकारी वन विभाग द्वारा रोपित किए गए पेड़ों का वन माफिया धीरे धीरे सफाया करने में लगे हुए हैं विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि थाना शिवरतनगंज क्षेत्र अन्तर्गत वन विभाग के टिकरी बीट के वन क्षेत्र में सरकार ने जहां लाखों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण कराया वहीं वन विभाग के ही रक्षक और वाचरो की सांठगांठ से सरकारी पेड़ों को वन माफिया काटने में काफी दिनों से लगे हुए हैं विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि कुछ चंद लकड़ी माफियाओं ने हजारों जंगली पेड़ों को नेस्तनाबूद कर चोरी छिपे काटकर कोयला की भट्ठियों में कोयला बनानें में इस्तेमाल कर लिया ।

ताज़ा मामला शिवरतनगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव शिव बख्श का पुरवा का बताया जाता है जहां बृहस्पतिवार को दोपहर गुमिया ड्रेन स्थित तीन देशी बबूल के पेड़ एक व्यक्ति द्वारा दिन दहाड़े बृहस्पतिवार को कटवाया जा रहा था जिसका मामला शोषल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो गया एक्स यानि ट्यूटर पर वायरल खबर को जिले की तेज तर्रार डीएम निशा अनंत ने मामले में गंभीरता से लेते हुए वन विभाग को अवैध सरकारी पेड़ों की लकड़ियों की हुई कटान पर आवश्यक कार्रवाई कराने के निर्देश दिए गए डीएम के सख्त निर्देश पर वन महकमे के हाथ पांव फूल गए मौके पर पहुंच कर डिप्टी रेंजर सचिन गौतम,बीट प्रभारी राम राज ने जांच पड़ताल मुकदमा पंजीकृत कराया।

थाने पर दी गई तहरीर के मुताबिक बृहस्पतिवार को वन बीट प्रभारी टिकरी रामराज ने थाने पर तहरीर देकर वन विभाग के तीन देशी बबूल के पेड़ काटने का आरोप लगाया था। जिस पर कार्यवाई करते हुए पुलिस ने पेडरिया गांव निवासी देवी बख्श सिंह पर संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि वन विभाग ने मौके से जो भी देशी बबूल की लकड़ी बरामद किया उसे अपने कब्जे में तों ले लिया लेकिन प्रश्न यह उठता है कि आखिर जिस टैक्टर ट्राली में भरकर लकड़ियों को वन विभाग ने अपने सुरक्षित अड्डे पर पंहुचाया उस टैक्टर ट्राली का उल्लेख आखिर पुलिस को दी गई तहरीर में क्यों नहीं किया गया। सूत्रों का कहना है कि वन विभाग द्वारा नियमों को ताख पर रखकर चंद पैसे की लालच में कोयला भट्ठियों का लाइसेंस जारी कर दिया वन विभाग के हरियाली क्षेत्र से तथा आबादी से मिले हुए हैं इसी का परिणाम है कि वन विभाग द्वारा रोपित पेड़ों को चोरी छिपे काटकर लकड़ी माफिया कोयला भट्ठियों में कोयला बनानें का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। इससे यह साबित होता है कि वन विभाग की मिली भगत से सरकारी पेड़ों का सफाया लकड़ी माफिया कर रहे हैं।

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