बाहार तो निकली लेकिन जान न बची…

मध्य प्रदेश। राजगढ़ में घटना राजगढ़ जिले के बोडा थाना क्षेत्र के पिपलिया रसोड़ा गांव का है. मासूम अपने ननिहाल आई हुई थी. वह अपने मामा के साथ खेत गई हुई थी. इसी दौरान वह खेलते-खेलते 30 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई. देर रात तक चले ऑपरेशन के बाद मासूम माही को बाहर निकाला गया। उसकी हालत काफी खराब थी. शुरूआती इलाज के बाद उसे भोपाल भेजा गया. जहां डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा पाए.

10 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
राजगढ़ में बच्ची के बोरवेल में गिरने के बाद करीब 10 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में माही को बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन इस बीच उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी. माही की बिगड़ती हालत को देखते हुए उसे तुरंत भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया था. जहां बुधवार सुबह करीब 6:00 बजे माही ने अपनी अंतिम सांस ली.

खेत के बीच खुले बोरवेल में गिरी
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पिपलिया रसोड़ा गांव में खेत के बीच खुले बोरवेल में 5 साल की बच्ची गिर गई थी. हालांकि, 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात 2:30 बजे नन्ही माही को बोरवेल से सकुशल निकाला गया. इसके बाद उसे इलाज के लिए सीधे राजगढ़ जिला अस्पताल भेज दिया गया था. जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने प्रारंभिक इलाज के बाद भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था.

खेलते वक्त बोरवेल में गिरी
खेत में खेलते वक्त मंगलवार की शाम 5 से साढ़े पांच बजे माही खुले बोरवेल में गिर गई थी. इस घटना की सूचना मिलते ही राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित मौके पर पहुंच गए थे. इसके बाद बच्ची को बाहर निकालने के लिए प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया. फिर बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है, जिस पर खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नजर बनाए हुए थे. आखिरकार बच्ची को ढाई बजे रात को जिंदा निकाल लिया गया था. लेकिन ठंड के इस मौसम में लंबे समय तक बोरवेल में रहने की वजह से बच्ची की हालत बिगड़ गई थी.

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