जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मनाई गयी पुण्यतिथि 

कुशीनगर भारतीय जनता पार्टी द्वारा बलिदान दिवस के तौर पर मनाया गया।इस अवसर पर भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओ ने प्रत्येक बूथ पर विभिन्न कार्यक्रमों के ज़रिये डॉ मुखर्जी के कृतित्व और व्यक्तित्व को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर डा मुखर्जी के विचारों को अंगीकार कर देश और समाज की एकता व अखंडता को मजबूत करने का संकल्प लिया।

 भाजपा जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर रविन्द्र नगर भाजपा कार्यालय में पौधरोपण कर *एक पेड़ मां के नाम* अभियान का शुभारंभ कर जनपद के विभिन्न बूथों पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर डॉ मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस दौरान जिलाध्यक्ष ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश की एकता और अखंडता के लिए लगातार काम किया। उनका जीवन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए अनुकरणीय है। आज यदि कश्मीर में 370 नहीं है, दो झंडे नहीं हैं, दो विधान और दो प्रधान नहीं हैं तो उसका श्रेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जाता है जिन्होंने 52 वर्ष की आयु में इतिहास रचा। डॉ. मुखर्जी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू की तुष्टिकरण की नीति का विरोध करते हुए सबसे पहले धारा 370 के खिलाफ आवाज उठाई थी। साथ ही कश्मीर में परमिट व्यवस्था, दो निशान, दो विधान, दो प्रधान को लेकर एक आंदोलन का नेतृत्व किया और लखनपुर के पास पठानकोट के आगे पहुंचने के बाद जैसे ही उन्होंने जम्मू कश्मीर की सीमा में प्रवेश किया, तो जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया। जेल में ही रहस्यमय परिस्थितियों में डॉ मुखर्जी की मौत हो गई।मुखर्जी की मृत्यु का रहस्य आज तक शोध का विषय बना हुआ है, जिसकी जानकारी सही रूप में नहीं मिल पाई है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनके दो अनुयायी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने धारा  35A तथा 370 का सफाया कर मुखर्जी को राष्ट्र की सार्थक श्रदांजलि अर्पित की। आज न वहां दो झंडे हैं, न दो विधान, न दो प्रधान।

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