बलिया। विश्वकर्मा सेवा संस्थान द्वारा टघरौली गांव में सोमवार की दोपहर पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि सादगीपूर्वक मनाई गई। इस मौके पर विश्वकर्मा सेवा संस्थान के जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह एक कुशल प्रशासक गरीबों के मसीहा थे। स्वर्गीय ज्ञानी जैल सिंह बचपन से ही भारत की स्वतंत्रता के लिए जागरुक थे।
स्वतंत्रता के पश्चात ज्ञानी जैल सिंह को पटियाला और पूर्वी पंजाब राज्यों के संघ का राजस्व मंत्री बना दिया गया, 1951 में जब कांग्रेस की सरकार बनी उस समय जैल सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया, इसके अलावा वह 1956 से 1962 तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे। कांग्रेस के समर्थन से ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने। 1980 के चुनावों में ज्ञानी जैल सिंह लोकसभा के सदस्य निर्वाचित होने के बाद इंदिरा गांधी सरकार के कैबिनेट में रहते हुए देश के गृहमंत्री बने। 1982 में राष्ट्रपति नीलम संजीवा रेड्डी का कार्यकाल समाप्त होने पर सर्वसम्मति से कांग्रेस के प्रतिनिधि ज्ञानी जैल सिंह देश के सातवें राष्ट्रपति बने। इस दौरान वक्ताओं ने उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला तथा उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर चंदन शर्मा, हरेराम शर्मा, सुशील शर्मा, प्रदीप शर्मा, गुप्तेश्वर शर्मा आदि रहे।